Azam Khan Bail Case: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले खबर आई कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें 2 महीने के लिए अंतरिम जमानत दी है, लेकिन बाद में उनके वकील सफदर काजमी ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 मई तक विवादित संपत्ति सौंपने की शर्त के साथ सपा नेता आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी और इस मामले का निपटारा भी कर दिया गया, लेकिन वह इस सप्ताह हुई एक अलग घटना के कारण जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
गौरतलब है कि आजम खान (Azam Khan) 2 सालों से जेल में बंद हैं और उन पर 89 मामले चल रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ इस मामले में अब मंगलवार को सुनवाई करेगी।
भाषा के मुताबिक, पीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि यह सब क्या है? उन्हें (आजम खान) जाने क्यों नहीं दिया गया। वह 2 साल से जेल में बंद हैं। एक या दो मामलों में ठीक है, लेकिन यह 89 मामलों में नहीं हो सकता है। जब भी उन्हें जमानत मिलती है, तो उनको फिर से किसी और प्रकरण में जेल भेज दिया जाता है। आप (सरकार) जवाब दाखिल करें।
आजम के वकील कपिल सिब्बल ने जताई आपत्ति
आजम खान (Azam Khan) की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले में आपत्ति जताई है और कहा है कि इस केस में गहराई से सुनवाई की जरूरत है। इससे पहले कोर्ट ने ये भी कहा था कि एक मामले को छोड़कर उनको सारे मामलों में जब जमानत दी जा चुकी है, फिर ये न्याय का मजाक है। हम और कुछ भी नहीं कहेंगे।
गौरतलब है कि आजम खान को 88वें मामले में भी जमानत मिल चुकी है, लेकिन उन पर एक और मामला दर्ज हो गया, जिस वजह से वह रिहा नहीं किए जा सकेंगे। जब कोर्ट ने जमानत ना मिलने पर नाराजगी जाहिर की तो यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हर केस अपने आप में अलग है और राज्य सरकार हलफनामे के जरिए कोर्ट को ये समझाना चाहती है।
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