PHOTO:अयोध्या में रामलला की प्रतीकात्मक मूर्ति को कराया गया मंदिर भ्रमण, जानिए इसकी वजह
अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राम प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दूसरे दिन रामलला की प्रतीकात्मक नूर्ति को मंदिर का भ्रमण कराया गया। जानिए इसकी वजह-
अयोध्या: रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुरू हुए अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है। आज रामलला की प्रतिकात्मक मूर्ति, जो चांदी की बनी है उसे पालकी मैं बैठाकर मंदिर की परिक्रमा कराई गई। रामलला की जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है वो अभी मंदिर परिसर में नहीं पहुंची है, उसे ट्रक से राम मंदिर लाया जा रहा है और ट्रक कुछ ही देर में मंदिर पहुंचेगा। रामलला की मूर्ति बड़ी है और भारी है, इसलिए उस मूर्ति को पालकी में बैठाकर परिक्रमा करना संभव नहीं था, इसलिए रामलला की चांदी से बनी एक प्रतीकात्मक मूर्ति को मंदिर का भ्रमण कराया गया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंगलवार को जानकारी दी गई थी कि बुधवार को जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक- कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा और भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा। उधर खबर है कि मंदिर के गर्भ गृह में पूजन विधि चल रही है।
अनुष्ठान के दूसरे दिन सरयू नदी के तट पर ‘कलश पूजन’ किया गया, पूजन में मुख्य यजमान भी मौजूद रहे। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि ये अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और समारोह के दिन रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अन्य अनुष्ठानों को संपन्न कराया जाएगा।
राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के विशेष अनुष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य लोग शामिल होंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 8,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है, लेकिन उनमें से कुछ ही लोगों को मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति होगी।
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 121 आचार्य मिलकर कर रहे हैं। गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय और निर्देशन कर रहे हैं। अनुष्ठान के प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे।
मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे शुरू होगा और इसके दोपहर एक बजे तक संपन्न होने की संभावना है।