अयोध्या: राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। हर कोई रामलला के लिए अपने-अपने स्तर पर कुछ न कुछ भेंट कर रहा है। इसी कड़ी में लखनऊ के एक सब्जी विक्रेता अनिल कुमार साहू ने एक पेटेंट वर्ल्ड क्लॉक को राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा है। इसकी खासियत ये है कि ये घड़ी एक साथ 9 देशों का समय बताती है।
क्या है पूरा मामला?
ये अनोखी वर्ल्ड क्लॉक राम मंदिर, अयोध्या जंक्शन और हनुमानगढ़ी मंदिर को समर्पित की गई है। इसमें एक साथ नौ देशों का समय दिखता है। वर्ल्ड क्लॉक को राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा गया है।
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की
आज राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर बनने की पूरी इनसाइड स्टोरी बताई है। उन्होंने बताया कि कैसे एक शिला जोड़ी गई, कैसे मंदिर का निर्माण संभव हुआ, कैसे श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन होंगे।
उन्होंने बताया, 'भगवान एक हैं, मूर्तियां अलग-अलग हैं। 21-22 जनवरी को वर्तमान मूर्ति गर्भगृह में लाई जाएगी। पुरानी मूर्ति बैठी मुद्रा में थी, नई मूर्ति खड़ी मुद्रा में है। 4-5 साल की उम्र के आधार पर रामलला की नई मूर्ति बनी है। रामलला की मूर्ति पर सूर्य की किरण पड़ेगी। रामलला की मूर्ति ग्राउंड लेवल से 71 इंच ऊंची है। सभी लैब टेस्टिंग के बाद मूर्ति निर्माण के लिए तीन पत्थर चुने गए हैं।'
उन्होंने कहा, 'प्रतियोगिता के जरिये रामलला के स्वरूप का चयन हुआ था। 22 जनवरी 2024 तक सिर्फ फेज-1 का काम पूरा होगा। फेज-1 में ग्राउंड फ्लोर, गर्भगृह, मंडप, डोम और परकोटा का काम होगा। मंदिर का पूरा निर्माण दिसबंर 2024 तक पूरा होगा।'
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