Australia on India: ऑस्ट्रेलिया ने चीन के विस्तारवादी रवैये पर चिंता जताई है। साथ ही चीन को ऑस्ट्रेलिया के लिए 'सिरदर्द' बताया है। ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्लेस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लिए चीन ‘सबसे बड़ी सुरक्षा चिंता’ है।ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री का कहन है कि वह दुनिया को इस तरह आकार देना चाहता है, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। 4 दिन की यात्रा पर नई दिल्ली आए ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री ने भारत की चिंताओं को भी समझा और कहा कि भारत की भी समान चिंताएं हैं। ऑस्ट्रेलिया ने साथ ही आश्वासन दिया कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच ऑस्ट्रेलिया नई दिल्ली के साथ एकजुटता से खड़ा है।
ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान चीन और रूस के बीच बढ़ते रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चिंता जताई और कहा कि इसका क्षेत्र पर प्रभाव पड़ सकता है। गौरतलब है कि मार्लेस ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली और कैनबरा अपने रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों का विस्तार करने के लिए एकजुट हैं। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की जो सोच है, वही सोच भारत की भी है। ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चीन सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, बल्कि भारत के लिए भी उसका सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है। वह सिर्फ हमारे लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए भी सबसे बड़ी सुरक्षा चिंता है।’
मार्लेस ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया न केवल आर्थिक क्षेत्र, बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी द्विपक्षीय संबंधों को लेकर करीबी से काम कर रहे हैं, ताकि देशों देशों की रक्षा एवं सुरक्षा स्थिति को मजबूत बनाया जा सके। दो साल पहले पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बारे में ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री ने कहा कि उस घटना को लेकर उनका देश भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है। उन्होंने कहा, ‘चीन हमारे आसपास ऐसी दुनिया बनाने की कोशिशों में जुटा है, जैसा कभी पहले नहीं देखा गया। पिछले कुछ वर्षों में हमने खासतौर पर इस संबंध में चीन के अधिक आक्रामक व्यवहार को महसूस किया है।’
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