Attack On Hindu Temples: भारत समेत दुनिया भर में मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में भारत के कई हिस्सों में मंदिर तोड़े गए। कनाडा में इसी साल लगभग 3 से 4 बार मंदिर तोड़े जाने की खबर सामने आ चुकी है। गोरखपुर, लखनऊ, रांची और हैदराबाद शहरों में मंदिर और अंदर रखी हुई मूर्ति को क्षतिग्रस्त पहुंचाया गया। अगर पाकिस्तान से इस तरह की खबर सामने आती है, वहां मंदिर तोड़े गए तो हैरान करने वाली बात नहीं होगी। आज हम बात करेंगे कि अब तक पाकिस्तान में कितने मंदिरों का नामोनिशान मिटा दिया गया है।
लगातार मंदिर तोड़ गए
पाकिस्तान से आए दिन मंदिर तोड़ने और हिंदुओं पर हमले की घटना सामने आती रहती है। धर्म के नाम पर बंटवारा हुआ पाकिस्तान जहां पर आज भी कई हिंदू परिवार रहने पर मजबूर हैं। हिंदू परिवार की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाना और रेप जैसे मामले सामने उजागर होते रहते हैं। पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के मुताबिक, 1947 में जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान के हिस्से में 428 मंदिर मौजूद थे। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण 408 मंदिरों को 1990 के दशक में रेस्टोरेंट, होटल, सरकारी स्कूल या मदरसे में बदल दिया गया।
उन मंदिरों का क्या हुआ
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पाकिस्तान में मौजूद कालीबाड़ी मंदिर को डेरा इस्माइल खान ने मंदिर की जगह ताजमहल होटल को खड़ा कर दिया। पख्तूनख्वा के बन्नू जिले में एक हिंदू मंदिर था अब वहां पर मंदिर की नामोनिशान मिटा कर मिठाई की दुकान खोल दी गई है तो वहीं कोहाट के शिव मंदिर में एक स्कूल चलाया जाता है। पाकिस्तान में कम होते हुए मंदिरों की संख्या चौंकाने वाली बात है। पाकिस्तान में सिर्फ 22 हिंदू मंदिर बचे हुए हैं। पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में सबसे ज्यादा मंदिर है, यहां पर 11 मंदिर है और इसके साथ ही साथ पंजाब में चार, बलूचिस्तान में तीन, पख्तूनख्वा में चार मंदिर है।
साल 2020 में खुदाई में मिला था
पुरातात्विक विभाग द्वारा खुदाई के दौरान पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके के स्वात जिले में 1300 साल पुराना एक हिंदू मंदिर मिला है। मंदिर की खोज पाकिस्तान और इटली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने की। खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग के मुताबिक, यह मंदिर भगवान विष्णु का बताया जा रहा था। उस समय सवाल उठा कि जिस देश में मंदिरों पर लगातार टारगेट किया जा रहा है तो क्या इस मंदिर को फिर से संरक्षित किया जाएगा। यह सवाल आज भी सवाल बनकर ही है।
2020 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की राजधानी इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर बनाने की अनुमति दी थी। आश्चर्यचकित करने वाली बात है कि इस मंदिर के निर्माण का एक छोटा सा हिस्सा लगभग 20 फीट का दीवार उठा था तभी कट्टरपंथियों मुस्लिमों ने मंदिर की दीवार को ध्वस्त कर दिया। यहां तक की कट्टरपंथियों ने इतना दबाव बनाया कि सरकार ने मंदिर का निर्माण पूरी तरह से बंद करा दिया।
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