झांसी में अतीक अहमद के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड मामले के आरोपी असद की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई है। इस मामले में यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने इंडिया टीवी को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि अतीक के बेटे असद और गुलाम के पास बचने का मौका था। अमिताभ यश ने अपने इंटरव्यू में कहा कि उमेश पाल के हत्यारों का उद्देश्य सरेंडर का था ही नहीं। उन्होंने कहा कि अगर अपराधी सरेंडर कर देते तो आपस में गोली नहीं चलती। उन्होंने कहा कि हर एनकाउंटर को सख्त कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। सख्त स्क्रूटनी के बाद ही किसी एनकाउंटर को सही करार दिया जाता है। असद का एनकाउंटर भी फेक नहीं है।
सरेंडर करते तो बच जाती जान
अपने इंटरव्यू में यूपी एसटीएफ एडीजी कहा कि अगर हमारे सामने इन्होंने हथियार डाले होते या फिर कोर्ट में सरेंडर कर दिया होता तो इनका ये हश्र नहीं होता। लेकिन इनका न तो सरेंडर करने का इरादा था और नहीं हमारे सामेन हथियार डालने का इरादा था। आज इन्होंने फिर पुलिस पर फायरिंग की। लेकिन आज दूसरी बार में ये मारे गए। अमिताभ यश ने कहा कि असद और गुलाम लगातार एक साथ भाग रहे थे। हमें ये भी पता चला कि इनके पास हथियार हैं। लेकिन आज हमें कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिली। ये गैंग बहुत ही खूंखार है और यह पुलिस के तरीकों के बारे में भी जानकारी रखती है।
आतीक के काफिले पर हमले का प्लान
बड़ी मेहनत से इन्हें ट्रैक किया गया। पहले भी पुलिस पर फायरिंग की लेकिन दूसरी बार पुलिस पर फायरिंग की गई और एनकाउंटर में मारे गए। इनका मोमेंट भी उसी इलाके में हो रहा था जहां से अतीक का काफिला गुजरने वाला था। इसकी हमें जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा कि अतीक के खिलाफ कई गवाहियां हुई हैं। इसी कारण जल्दीबाजी में इस गैंग्स द्वारा जल्दीबाजी की गई और पुलिस द्वारा इस गैंग के खिलाफ सख्ती की जा रही है।
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