Exclusive: अतीक की हत्या के बाद पूर्व IG राजेश पांडेय ने खोले माफिया के काले चिट्ठे, कहा- 'मिट्टी में मिलना था तय'
पूर्व IG राजेश पांडेय ने कहा कि प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रदेश सरकार और पुलिस ने उसपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। इस मामले में पुलिस जैसी कार्रवाई कर रही थी, उसी तय था कि दोनों भाइयों का मिट्टी में मिलना तय है।
लखनऊ: माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद अब दोनों भाइयों के कई कारनामे सामने आ रहे हैं। उसके द्वारा सताए गए पीड़ित संत कई अन्य लोग उसके कारनामों का खुलासा कर रहे हैं। वहीं इसी बीच इंडिया टीवी से बातचीत करते हुए पूर्व आईजी राजेश पांडेय ने माफिया भाइयों के बारे में कई बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कार्रवाई चल रही थी, उसे देखकर कहा जा सकता था कि दोनों के खौफ के साम्राजय का अंत नजदीक है लेकिन अंत ऐसे होगा यह नहीं सोचा था।
मिट्टी में मिलना तय था - पूर्व आईजी
पूर्व IG राजेश पांडेय ने कहा कि प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रदेश सरकार और पुलिस ने उसपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। इस मामले में पुलिस जैसी कार्रवाई कर रही थी, उसी तय था कि दोनों भाइयों का मिट्टी में मिलना तय है। बता दें कि पूर्व आईजी राजेश पांडेय उन चुनिंदा अफसरों में से एक हैं जिन्होंने माफिया अतीक के साम्राज्य के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू किया था। उन्होंने इंडिया टीवी को बताया कि साल 2015 के दौरान वे लखनऊ में बतौर एसएसपी तैनात थे। उस समय अतीक PGI अस्पताल के नजदीक एक जमीन पर कब्जा करना चाह रहा था। मुझे सूचना मिली कि अतीक इस जमीन पर जोर-जबरदस्ती कब्ज़ा करना चाह रहा है।
लखनऊ में जमीन पर कब्ज़ा करना चाहता था अतीक
उन्होंने बताया कि पीड़ित मेरे कार्यालय में आया और वह इतना डरा हुआ था कि उसने मिलने वाली पर्ची में अपना नाम तक दर्ज नहीं करा था। वहां उन्होंने बताया कि उनके जमीन पर अतीक और उसके गुर्गे कब्ज़ा करने पहुंच गए। जबी पीड़ित मौके पर पहुंचा तो उसे ढंका कर वहां से भगा दिया और कहा कि यह जमीन कभी तुम्हारी रही होगी लेकिन अब यह हमारी हो गई है। पीड़ित ने अपने दावे में जमीन के कागज़ भी दिखाए, जिसके बाद उन्होंने मौके पर स्थानीय थाना इंचार्ज को भेजा। वहां उस समय अतीक के गुर्गे तो मौजूद थे लेकिन वह तब तक वहां से जा चुका था।
पीड़ित को धमकी देकर जमीन को कब्जे में लेना चाहता था माफिया
इसके बाद लखनऊ जिला अधिकारी ने रेवेन्यू विभाग की एक मौके पर पुलिस फ़ोर्स के साथ भेजी। जहां कागज देखने के बाद यह साफ़ हो गया कि यह जमीन पीड़ित की थी। इसके बाद अतीक के गुर्गे का फोन मेरे पास आया और उसने कहा कि यह जमीन अतीक अहमद की है और आपने फ़ोर्स भेजकर गलत किया। जिसके बाद वहां पीड़ित ने रातोंरात निर्माण कराया, जिससे आगे कब्ज़ा न किया जा सके। इस घटना के बाद अतीक और उसके गुर्गे पीड़ित के प्रतिष्ठान पर पहुंच गए जोकि लखनऊ एसएसपी के आवास से मात्र 500 मीटर की दूरी पर ही स्थित था।
पीड़ित व्यापारी के प्रतिष्ठान पर पहुंच गया था अतीक
यहां अतीक ने पीड़ित और उसके स्टाफ को धमकाना शुरू कर दिया और सीसीटीवी बंद करवा दिया और कहा कि बड़ा शौक है वीडियो बनाने का। इन्हें बंद कर दो वरना गोली मारकर सभी कैमरे तोड़ दिए जाएंगे। इसके बाद सभी कैमरे बंद कर दिए गए। कैमरे बंद होते ही अतीक होटल में घुसा और बोलै कि अब मेरी फोटो खींच लो जिसे भेजना है भेज दो और जो कर मिली वो कर लो, लेकिन एक बात ध्यान रखना कि कल तक वो जमीन तुम्हारी थी लेकिन आज हमारी है। अब आज के बाद वहां पहुंच मत जाना और वहां पुलिस भी न पहुंचे।