Freebies पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, नोटिस जारी कर पूछा, भारी-भरकम कर्ज लेकर मुफ्त की रेवड़ी क्यों बांट रहे? बताएं
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव से पूर्व घोषणाओं को लेकर सख्ती दिखाई है और केंद्र तथा राज्य सरकारों से पूछा है कि भारी कर्ज लेकर आप मुफ्त में रेवड़ियां क्यों बांट रहे हो। कोर्ट ने इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना, इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है और तारीखों के ऐलान के साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। आचार संहिता लागू होने के साथ ही राजनीतिक दलों के मतदाताओं को लुभाने वाली बड़ी-बड़ी घोषणाओं पर भी रोक लग जाएगी। जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं वहां की राज्य सरकारें और केंद्र की एनडीए सरकार भी कई बड़े-बड़े वादे और घोषणाएं कर रही हैं। इन लोकलुभावन वादों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई की और केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों को नोटिस जारी किया है और चार हफ्तों में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौैरान यह नोटिस जारी किया और इसे पहले से चल रही अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अब इन सभी मामलों की सुनवाई अब एकसाथ होगी। बता दें कि फ्रीबीज मामले की सुनवाई पूर्व चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुआई में तीन सदस्यीय बेंच ने अगस्त 2022 में शुरू की थी। फ्रीबीज मुद्दे पर अश्विनी उपाध्याय नामक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है।
केंद्र की एनडीए सरकार ने किए हैं ये वादे
राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने उज्जवला योजना के तहत सिलेंडर 100 रुपये और सस्ता करने का एलान किया है। इससे कुछ दिनों पहले ही यह 200 रुपये सस्ता किया गया था, यानी इस योजना के तहत अभी तक 300 रुपये की छूट मिल चुकी है। अब उपभोक्ताओं को यह 600 रुपये का पड़ेगा। मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार ने 500 रुपये में सिलेंडर देने की बात कही है, जबकि कांग्रेस ने कहा कि अगर एमपी में हमारी सरकार बनती है, तो 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देंगे।
वहीं, एक अन्य योजना का एलान करते हुए केंद्र सरकार ने गरीब और निम्न मध्य वर्ग को शहरों में घर खरीदने के लिए ब्याज सब्सिडी देने का एलान किया है। इस योजना के तहत 50 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज में छूट मिलेगी और यह छूट 3 से 6 प्रतिशत तक होगी। यह प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत मौजूदा सब्सिडी योजना से अलग होगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से इस योजना की घोषणा की थी।
केंद्र की मोदी सरकार किसान सम्मान निधि योजना के तहत अभी 8.5 करोड़ से अधिक किसानों को हर चार महीने में दो हजार रुपये दे रही है, अब इसे बढ़ा कर आठ हजार किया जा सकता है। हालांकि संभव है कि यह घोषणा अगले साल यानी 2024 लोकसभा चुनावों से पहले हो।
मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार ने लिया है बड़ा कर्ज
वहीं, मुफ्त घोषणाओं को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारों के माथे पर बड़ा कर्ज चढ़ गया है। मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ 4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर हो गया है। बैंक के मुताबिक आठ दिनों के भीतर ही मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने चौथी बार कर्ज लिया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक राजस्थान का कर्ज भी काफी बढ़ गया है। चुनाव से पहले प्रदेश का कर्ज बढ़ कर 5.37 लाख करोड़ से भी ज्यादा हो गया है। बैंक के मुताबिक पंजाब के बाद राजस्थान कर्ज में डूबा देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है।
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