गुवाहाटी: असम पुलिस ने कहा है कि अगर उसके मोटे कर्मी इस साल नवंबर तक अपना वजन कम नहीं करते हैं तो वह ऐसे सभी कर्मियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) की पेशकश करेगी। पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के निर्देश पर यह फैसला किया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘असम पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस/एपीएस अधिकारियों सहित असम पुलिस के सभी कर्मियों के ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (BMI) को पेशेवर तरीके से दर्ज करने का फैसला किया है...।" बता दें कि यह कदम पुलिसकर्मियों को डेडवुड से छुटकारा दिलाने के लिए उठाया जा रहा है। असम पुलिस में लगभग 70 हजार फोर्स है।
सबसे पहले रिकॉर्ड होगा DG का BMI
सिंह ने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और असम पुलिस सेवा (APS) के अधिकारियों सहित सभी कर्मियों को 15 अगस्त तक तीन महीने का समय देने और उसके बाद बीएमआई दर्ज करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि वह 16 अगस्त को अपना बीएमआई दर्ज कराने वाले बल के सबसे पहले व्यक्ति होंगे।
सिंह ने 8 मई को कहा था कि असम पुलिस ने करीब 680 ऐसे कर्मियों की सूची तैयार की है, जो आदतन शराब पीने वाले या मोटे हैं। उन्होंने कहा कि बहुस्तरीय समीक्षा के बाद, ड्यूटी के लिए अनुपयुक्त लोगों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी। मुख्यमंत्री शर्मा ने अप्रैल में कहा था कि शराब की समस्या के कारण असम पुलिस के करीब 300 कर्मियों को सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
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प्रोसेस शुरू, 300 पदों पर नई हायरिंग
सीएम ने कहा था कि जो पुलिसकर्मी ज्यादा शराब पीते हैं, उनकी सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोगों की गंभीर शिकायतें हैं। सीएम ने कहा था कि प्रोसेस शुरू हो चुका है और इन 300 पदों को भरने के लिए नई भर्तियां की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य पुलिस विभाग में लगभग 300 अधिकारी और कर्मचारी शराब पीने के आदी हैं। उनके लिए, सरकार एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) चलाती है। उन्हें वीआरएस दिया जाएगा। सीएम ने कहा था कि यह पुराना नियम है, लेकिन हमने इसे पहले लागू नहीं किया था।
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