असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा राज्य में बहुविवाह पर रोक लगाने की तैयारी में हैं। 9 मई को उन्होंने इस बबात एक बयान जारी किया था। वहीं उन्होंने एक ट्वीटर कर कहा कि एक से ज्यादा शादियों पर बैन लगाने के लिए असम में एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन का फैसला किया गया है। इस कमेटी का काम होगा यह पता लगान कि क्या राज्य में बहुविवाह कानून पर रोक लगाने का अधिकार विधानसभा का है या नहीं। यह कमेटी संविधान के अनुच्छेद 25, राज्य के नीति निदेशक तत्व और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) का अध्ययन करेगी।
असम में बहुविवाह पर लगेगी रोक?
कमेट के सभी सदस्य इस बाबत विचार-विमर्श के बाद ही अपनी रिपोर्ट तलब करेंगे ताकि सही निर्णय लिया जा सके। बता दें कि हिमंता बिस्वा सरमा 6 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रचार के लिए कोडागु जिले के शनिवारासंथे मदिकेरी में पहुंचे थे। यहां रोड शो के दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि असम में समान नागरिक संहिता को लागू करना बहुत जरूरी है। ताकि पुरुष चार-चार शादियां करने और महिलाओं को 'बच्चा पैदा करने वाली मशीन' समझने की सोत को समाप्त किया जा सके।
हिमंता बिस्वा सरमा के बयान की आलोचना
सीएम ने कहा कि मुस्लिम बेटियों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाया जाना चाहिए ना कि बच्चा पैदा करने वाली मशीन। भाजपा के राज्य में सत्ता में वापस आने पर उन्होंने कहा कि अगर भाजपा कर्नाटक में दोबारा सत्ता में वापस आती है तो वह समान नागरिक संहिता पर काम करेगी। इसके लिए वो उनको धन्यवाद देना चाहते हैं। हालांकि सीएम हिमंता के इस बयान की खूब आलोचना भी हुई है। उनके बयान को लेकर विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे अपने भाषण के जरिए धर्म विशेष को टारगेट कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर बहुविवाह पर रोक लगाने की बात कही थी।
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