नई दिल्ली: मेघालय के सीएम कोनराड संगमा और असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अहम कदम उठाया है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने इस विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। इससे पहले जनवरी में दोनो मुख्यमंत्रियों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद उसे गृह मंत्रालय के पास विचार के लिए भेजा गया था।
70 फीसदी सीमा विवाद सुलझा-अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ''आज असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना लंबित सीमा विवाद सुलझ गया है। विवाद के 12 में से 6 जगहों के विवाद को सुलझा लिया गया है, जिसमें लगभग 70% सीमा शामिल है। शेष 6 जगहों का भी जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा।'' अमित शाह ने कहा, ''2014 से, पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए कई प्रयास किए हैं। असम के सीएम और मेघालय के सीएम को सीमा विवाद को सुलझाने के लिए समझौते पर बधाई देता हूं।''
बेहद अहम है समझौता-कोनराड संगमा
दोनों राज्यों के बीच पिछले 50 सालों से सीमा का विवाद बना हुआ था। इस समझौते से काफी हद तक राहत मिली है। मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने कहा, ''मतभेद के 12 क्षेत्रों में से हमने 6 क्षेत्रों पर असम के साथ समझौता किया है। इसके अलावा, सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा दोनों राज्यों की भागीदारी के साथ एक सर्वेक्षण किया जाएगा, और जब यह हो जाएगा, तो वास्तविक सीमांकन होगा।''
यह एक ऐतिहासिक दिन है- हेमंत बिस्वा सरमा
इस मौके पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद के समाधान की शुरुआत आज हो गई है। यह ऐतिहासिक कदम केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के निरंतर प्रयास के कारण ही हासिल हो सका है। उन्होंने आगे कहा कि इस एमओयू के बाद अगले 6-7 महीनों में बाकी विवादित स्थलों की समस्या का समाधान करने का हमारा लक्ष्य है। हम पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश में विकास का इंजन बनाने की दिशा में काम करेंगे।
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