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Hindi News भारत राष्ट्रीय असम में काल बनकर आई बारिश, 72 लोगों की मौत, 23 लाख लोग प्रभावित

असम में काल बनकर आई बारिश, 72 लोगों की मौत, 23 लाख लोग प्रभावित

असम के 28 जिलों की लगभग 23 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। आज छह और लोगों की मौत हो गई, जिससे 8 जुलाई 2024 तक कुल मरने वालों की संख्या 72 हो गई।

assam flood- India TV Hindi Image Source : PTI असम बाढ़

असम में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही और 28 जिलों की लगभग 23 लाख की आबादी इससे प्रभावित हुई। आज छह और लोगों की मौत हो गई, जिससे 8 जुलाई 2024 तक कुल मरने वालों की संख्या 72 हो गई। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। बुलेटिन के अनुसार, अधिकतर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। राज्य में इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान में 78 लोगों की मौत हुई जबकि इनमें से केवल बाढ़ के कारण 72 लोगों की मौत हुई।

राहुल ने बाढ़ग्रस्त असम के लिए मांगी मदद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज असम के कछार जिले के फुलेरताल में बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया और कहा कि वह राज्य के लोगों के साथ खड़े हैं और “संसद में उनके सिपाही” हैं। उन्होंने केन्द्र से राज्य को तत्काल हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया। राहुल ने असम में कछार जिले के फुलेरताल में एक बाढ़ राहत शिविर का दौरा करने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं असम के लोगों के साथ हूं, मैं संसद में उनका सिपाही हूं और मैं केंद्र सरकार से राज्य को तुरंत हरसंभव मदद मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि असम कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराया है कि 24 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, 53,000 तथा उससे अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और 60 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 131 वन्य जीव मारे गए

इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अब तक कम से कम 131 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि 96 अन्य को बचा लिया गया है। इस उद्यान को हाल के वर्षों में सबसे खराब बाढ़ का सामना कर रहा है, इससे पहले बड़े पैमाने पर तबाही 2017 में हुई थी, जब पशु गलियारों से ऊंचे इलाकों की ओर पलायन कर रहे 350 से अधिक वन्यजीव बाढ़ के पानी में और वाहनों की टक्कर में मारे गए थे।

CM हिमंत ने क्या कहा?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी राहत शिविरों में पूरी व्यवस्था की गई है और स्थिति सामान्य होने तक आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार रखा गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों की सुरक्षा और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है और उनकी टीम वहां रह रहे लोगों के संपर्क में है। वर्तमान में, 28 जिलों में 3,446 गांवों के लगभग 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ की दूसरी लहर से 68,432.75 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है। धुबरी में सबसे अधिक 7,54,791 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद कछार में 1,77,928 लोग और बारपेटा में 1,34,328 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। कुल 53,689 लोगों ने 269 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि राहत शिविरों में नहीं रह रहे 3,15,520 लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है।

कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर

ब्रह्मपुत्र निमती घाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। खोवांग में बुरही दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नंगलमुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमतुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां ​​राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए विभिन्न हिस्सों में 171 नौकाओं को तैनात किया गया है। विभिन्न एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में कुल 70 लोगों और 459 मवेशियों को बचाया। राज्य भर से बाढ़ के कारण सड़कों, पुलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और मत्स्य पालन तालाबों को नुकसान पहुंचने की खबरें मिली हैं।

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