Assam Flood: असम में लगातार बारिश के चलते बाढ़ से हालत खराब होते जा रहे हैं। समस्या इतनी गंभीर है कि लोग अपने घरों को छोड़कर रिलीफ कैंप में रहने को मजूबर हैं। यही नहीं, लोगों को एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बाढ़ और भूस्खलन के चलते 73 लोगों की जान चली गई है। मरने वालों में नागांव जिले के एक पुलिस थाने के प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। ये पुलिस वाले बाढ़ में फंसे हुए लोगों की मदद के लिए गए थे, लेकिन पानी में बह गए। उनके शव सोमवार सुबह निकाले गए।
खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियां
राज्य के 35 से 33 जिले बाढ़ की चपटे में हैं। बीते कई दिनों से असम बाढ़ की त्रासदी में समाया हुआ है। कोपिली और ब्रह्मपुत्र समेत सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। करीब दो लाख लोगों को 744 राहत कैंपों में भेजा गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने करीब 30 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला है। कई हिस्सों में फंसे हजारों लोगों को बचाने के लिए भारतीय सेना के जवानों को बुलाया गया है।
राहत शिविर में लोग रहने को मजबूर
इस साल असम में यह दूसरे चरण की बाढ़ है जिसमें लाखों घर पानी में डूब गए हैं और कई इलाकों में परिवहन संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। बाढ़ की तबाही के कारण 47 लाख 72 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। असम सरकार ने बेघर हुए लोगों के लिए 1425 राहत शिविर खोले हैं। जहां बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों ने शरण ली है।
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