वैज्ञानिक रिसर्च को और भी प्रगति देने के लिए लद्दाख में एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग दूरबीन का उद्घानट किया गया है। इस दूरबीन का नाम मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) है। आपको बता दें कि DAE यानी परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव अजीत कुमार मोहंती ने लद्दाख के हानले में एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन का उद्घाटन किया। इस दूरबीन की मदद से अब वैज्ञानिक रिसर्च में और भी प्रगति होगी। इस दूरबीन को मुंबई स्थित BARC ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) और अन्य भारतीय उद्योग भागीदारों की मदद से बनाया है और इसे स्वदेशी तरीके से बनाया गया है।
क्यों हो रही है इस दूरबीन की चर्चा?
आपको बता दें कि उद्घाटन के बाद से ही इस दूरबीन की चर्चा हो रही है। 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊंची दूरबीन है जो अब वैज्ञानिक रिसर्च को बढ़ावा देगा। DAE के सचिव अजीत कुमार मोहंती ने बताया कि 'MACE वेधशाला भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह देश को वैश्विक स्तर पर कॉस्मिक-रे अनुसंधान में सबसे आगे रखती है।' उन्होंने आगे कहा कि, दूरबीन वैज्ञानिकों को उच्च-ऊर्जा गामा किरणों का अध्ययन करने की अनुमति देगी जिससे ब्रह्मांड की सबसे ऊर्जावान घटनाओं की गहरी समझ का मार्ग प्रशस्त होगा। MACE परियोजना न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि लद्दाख के सामाजिक-आर्थिक विकास का समर्थन भी करती है।
4 अक्तूबर को हुआ उद्घाटन
MACE वेधशाला का उद्घाटन DAE के प्लेटिनम जुबली वर्ष प्रोग्राम का एक हिस्सा था। 4 अक्तूबर को लद्दाख के हनले में डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) वेधशाला का उद्घाटन किया। इसके उद्घाटन के बाद उन्होंने उन सभी कोशिशों की प्रशंसा भी की जिस कारण MACE दूरबीन सफल हुई।
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