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Hindi News भारत राष्ट्रीय Asani Cyclone: भीषण चक्रवात में बदला 'असानी' तूफान, जानें क्यों रखे जाते हैं ऐसे नाम और क्या है इसका मतलब

Asani Cyclone: भीषण चक्रवात में बदला 'असानी' तूफान, जानें क्यों रखे जाते हैं ऐसे नाम और क्या है इसका मतलब

इस चक्रवात को नाम श्रीलंका ने दिया है। असानी सिंहली भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है क्रोध। किसी भी तरह के तूफानों को नाम देने की वजह ये होती है कि एक ही समय में दुनिया के कई हिस्सों में तूफान आ सकते हैं।

Asani Cyclone- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE Asani Cyclone

Highlights

  • श्रीलंका ने दिया है 'असानी' तूफान को नाम
  • सिंहली भाषा का शब्द है असानी
  • असानी का अर्थ होता है क्रोध

Asani Cyclone: 'असानी' तूफान बंगाल की खाड़ी में भीषण चक्रवात में बदल चुका है और ये 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। विभाग के अनुसार, चक्रवात (Asani Cyclone) के सोमवार को बंगाल की खाड़ी में 60 समुद्री मील (111 किलोमीटर प्रति घंटा) की गति से आगे बढ़ने की उम्मीद है। इसकी वजह से ओडिशा, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ व अन्य प्रदेशों में असर पड़ रहा है।

'असानी' तूफान का नाम कैसे पड़ा?

इस चक्रवात (Asani Cyclone) को नाम श्रीलंका ने दिया है। असानी सिंहली भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है क्रोध। किसी भी तरह के तूफानों को नाम देने की वजह ये होती है कि एक ही समय में दुनिया के कई हिस्सों में तूफान आ सकते हैं। ऐसे में तूफानों को लेकर जनता और सरकार के बीच भ्रम ना हो और सही समय पर उस तूफान से राहत के कार्य कर लिए जाएं, इसलिए तूफानों को नाम दे दिया जाता है। 

कब से रखे जाने लगे तूफानों के नाम

तूफानों को नाम देने का चलन 1953 में अटलांटिक क्षेत्र में हुई एक संधि के साथ हुआ। हिंद महासागर में इसकी शुरुआत साल 2004 से हुई। भारत ने जब इसकी पहल की तो 8 अन्य देशों ने तूफानों का नाम रखना शुरू किया। भारत के अलावा जो देश तूफानों का नाम रखते हैं, उनमें श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, ओमान,  पाकिस्तान, और थाईलैंड शामिल थे। हालांकि हालही के कुछ वर्षों में अरब देश भी इस पहल में जुड़े। इन अरब देशों में ईरान, यूएई, कतर और यमन का नाम शामिल है। 

कौन रखता है तूफानों का नाम 

तूफानों का नाम रखने की प्रक्रिया काफी मजेदार है। दरअसल जब हिंद महासागर के क्षेत्र में कोई तूफान आता है तो भारत समेत 13 सदस्य देश क्रम से कुछ नाम देते हैं। ये नाम इसलिए दिए जाते हैं, जिससे जब भी ऐसे तूफान आएं तो लोग उनके नामों से उन्हें जान सकें और उसके लिए राहत और बचाव के कार्य कर सकें। 

 

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