Assam Flood: असम में शुक्रवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है तथा तीन और लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ नए इलाके जलमग्न हो गए। इसके अलावा बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या में भी थोड़ा इजाफा हुआ है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ के पानी में एक बच्चे सहित दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति की भूस्खलन में मौत हो गई। इसके साथ ही इस वर्ष राज्य में बाढ़ से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 190 हो गई।
राज्य में गुरुवार के बाद से बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या में दो की वृद्धि हुई। अब तक बाढ़ के कारण बजली, कछार, चिरांग, डिब्रूगढ़, दीमा हसाओ, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजई, कामरूप, करीमगंज, मोरीगांव और नगांव जिला प्रभावित हो चुका है। असम के 14 जिलों के 28 राजस्व मंडल और 620 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। एएसडीएमए के बुलेटिन में कहा गया है कि 8,88,177 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि राज्य का कछार जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है क्योंकि यहां 5.63 लाख से अधिक लोग संकट में हैं। राज्य में 75,000 से अधिक लोगों ने 173 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि अन्य 19 राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं।
बराक घाटी के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी गंभीर रूप से बाढ़ की चपेट में हैं। बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बारपेटा की स्थिति सबसे खराब है जहां 10,32,561 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कामरूप में 4,29,166, नगांव में 4,29,166, धुबरी में 3,99,945 लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच, बाढ़ की वजह से राज्य के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां एक हफ्ते पहले ही घोषित कर दी गई हैं। शिक्षा विभाग के सचिव भरत भूषण देव चौधरी ने एक अधिसूचना में कहा कि छुट्टियां 25 जून से 25 जुलाई तक रहेंगी। पहले इसके लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक की अवधि तय की गई थी।
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