Asaduddin Owaisi on T. Raja: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित कर दिए गए विधायक टी राजा सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि हैदराबाद के कुछ हिस्सों में हुआ प्रदर्शन सीधे तौर पर भाजपा नेता के कथित नफरत फैलाने वाले भाषण का नतीजा है। ट्विटर पर ओवैसी ने कहा कि पुलिस ने बुधवार को शाह अली बांदा इलाके से 90 लोगों को हिरासत में लिया था और उनके दखल के बाद हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया गया। हैदराबाद से सांसद ने ट्विटर पर कहा, “यह स्थिति राजा सिंह के नफरत फैलाने वाले भाषण का सीधा नतीजा है। उन्हें जल्द से जल्द जेल भेजा जाना चाहिए। मैं फिर से शांति बनाए रखने की अपनी अपील दोहराता हूं। हैदराबाद हमारा घर है, इसे सांप्रदायिकता का शिकार नहीं होना चाहिए।”
शहर के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम विधायक अहमद बिन अब्दुल्ला बलाला और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में पार्टी के पार्षद तनाव कम करने के लिए पूरी रात काम करते रहे। शहर के कुछ संवेदनशील इलाकों में राजा सिंह के खिलाफ प्रदर्शन की छिटपुट घटनाएं हुई हैं। सिंह को एक वीडियो में इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित टिप्पणी करने के लिए 23 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इस वीडियो को बाद में सोशल मीडिया मंचों ने हटा दिया था। सिंह को एक स्थानीय अदालत ने ज़मानत दे दी थी। अदालत से उन्हें ज़मानत मिलने के बाद शहर के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए जो बुधवार दोपहर तक चले। ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “डीसीपी दक्षिण को मेरे अभ्यावेदन पर, शाह अली बांदा और आशा टॉकीज के प्रदर्शनकारी 90 युवाओं को रिहा कर दिया गया है। एआईएमआईएम विधायक अहमद बिन अब्दुल्ला बलाला और हमारे पार्षद पूरी रात तनाव कम करने के लिए काम करते रहे। मैं उनके और पुलिस के भी संपर्क में रहा हूं।”
नफरत फैलाने वाले भाषण का नतीजा है प्रदर्शन: ओवैसी
उनके अनुसार, एक मामले में पुलिस ने अधिक बल का प्रयोग किया और एक घर में घुसकर पांच युवकों को हिरासत में ले लिया। हैदराबाद से सांसद ने ट्विटर पर कहा, “यह स्वीकार्य नहीं है। उन्हें मेरी दखल पर उन्हें रिहा कर दिया गया है। मैंने अपने पार्षदों से कहा कि वे युवकों को घर वापस छोड़ दें।” उन्होंने कहा कि हैदराबाद के कुछ हिस्सों में हुआ प्रदर्शन सीधे तौर पर भाजपा नेता के कथित नफरत फैलाने वाले भाषण का नतीजा है।
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