लखनऊ: कहा जाता है कि अपराधियों की जिंदगी ज्यादा बड़ी नहीं होती है। अपराध करने के बाद वह कुछ दिन तो गुजार सकता है लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ते ही उसकी ख़ैर नहीं रहती है। यह बात आज सच भी साबित हो गई। प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या करने के बाद माफिया अतीक का बीटा पिछले लगभग 50 दिनों से फरार था। पुलिस उसकी तलाश देशभर में कर रही थी, लेकिन वह चकमा देकर फरार था।
आज झांसी में हुआ एनकाउंटर
आज पुलिस को उसकी लोकेशन झांसी में मिली और वहीं उसका एनकाउंटर कर दिया गया। असद के साथ में एक और शूटर गुलाम भी मारा गया। बताया जा रहा है कि पिता अतीक और भाई के जेल जाने के बाद से वही गैंग को संभाल रहा था और उमेश पाल हत्याकांड को उसी ने ही लीड किया था। इसके साथ उसने इसी साल ही लखनऊ के एक नामी स्कूल से 12वीं की परीक्षा दी थी। हालांकि उसका रिजल्ट अभी आना बाकी था कि उससे पहले ही उसका एनकाउंटर हो गया।
विदेश जाकर पढ़ना चाहता था असद
बताया जा रहा है कि असद अहमद पढ़ाई में तेज था और वह वकील बनना चाह रहा था। जिसके लिए वह विदेश जाकर कानून की पढ़ाई करना चाह रहा था। लेकिन उसके परिवार की अपराधिक गतिविधि के कारण उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हुआ। असद की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज के स्कूल में हुई, जहां वह अपने क्लास में अव्वल था। लेकिन वह बेहद ही गुस्सैल प्रवर्ती का था।
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