Arunachal Pradesh Diarrhoea Update: अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में पिछले दो सप्ताह में डायरिया (उल्टी-दस्त) के कारण नौ बच्चों की मौत हो चुकी है। इन बच्चों की उम्र तीन से 10 साल के बीच थी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले एक पखवाड़े में पोंगकोंग गांव के 7 और लोंग्लियांग के 2 बच्चों की इस बीमारी के मौत हो गई। इससे स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं।
मौत की वजह का नहीं चल पाया पता
जिला चिकित्सा अधिकारी (DMO) ओबांग तग्गू ने बताया कि मौत की उचित वजह का पता नहीं चल पाया है, क्योंकि जांच के लिए जो नमूने लिए गए थे उनके रिजल्ट अभी नहीं आए हैं। जिले के अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है, जबकि एक चिकित्सकीय टीम और एक एम्बुलेंस लाजु सामुदायिक केंद्र में तैनात है। अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिन में स्थिति में सुधार हुआ है और किसी की मौत की खबर नहीं है।
नमूने एक निजी लैब में भेजे गए हैं
DMO ने आगे कहा, "दूषित पानी के इस्तेमाल और खुले में शौच से वुडलैंड्स और पहाड़ी इलाकों के आस-पास के तालाबों में गंदगी से गांव में बीमारी के बढ़ने के कारण हो सकते हैं।" बीमारी के फैलने का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, और आगे की जांच के लिए प्रभावित बच्चों के मल और पानी के नमूने एक निजी लैब में भेजे गए हैं।
डॉक्टर ओबांग ने कहा कि "डिहाइड्रेशन और डायरिया के मामले में लोगों को हॉस्पिटल जल्दी पहुंचना चाहिए। लेकिन वे अस्पताल आने से कतरा रहे हैं। अंधविश्वास उन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं लेने से रोकता है।" गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण डायरिया है।
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