अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, जिसने राज्य के सियांग जिले के किशोर मिराम तारोन का अपहरण कर लिया था, उसे वापस भारत को सौंपा है। लेकिन इस दौरान उसे मारा—पीटा गया और इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए गए। तापिर गाओ ने सरकार से मांग की है कि इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं।
गौरतलब है कि चीनी सेना ने सियुंगला क्षेत्र के लुंगता जोर इलाके से किशोर का अपहरण किया था। सांसद ने लोअर सुबनसिरी जिले के जिला मुख्यालय जीरो से फोन पर कहा कि पीएलए से बचकर भागने में कामयाब रहे तरोन के मित्र जॉनी यइयिंग ने स्थानीय अधिकारियों को अपहरण के बारे में जानकारी दी। सांसद ने कहा कि यह घटना उस स्थान के पास हुई, जहां त्सांगपो नदी भारत (अरुणाचल प्रदेश) में प्रवेश करती है।
गौरतलब है कि त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है। इससे पहले गाओ ने ट्वीट कर बीते 18 जनवरी को किशोर के अपहरण के बारे में जानकारी साझा की थींं उन्होंने ट्वीट के साथ अपहृत किशोर की तस्वीर साझा की और कहा, ‘भारत सरकार की सभी एजेंसियों से किशोर की जल्द रिहाई सुनिश्चित करने का अनुरोध है।’
सांसद ने अपने ट्वीट में उस क्षेत्र की जानकारी भी दी थी, जहां ये घटना हुई। उनके अनुसार, अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में सियुंगला क्षेत्र (बिशिंग गांव) के तहत आने लुंगता जोर क्षेत्र में यह घटना घटी। इस क्षेत्र में चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर दिया था। बता दें कि गाओ ने यह भी कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नीसिथ प्रमाणिक को सूचित किया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना को टैग किया।
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