जम्मू-कश्मीर इस वक्त एक के बाद एक आतंकी हमलों के कारण दहल उठा है। राज्य के कठुआ, रियासी और डोडा में आतंकी हमले हुए हैं जिसमें कई लोगों की जान भी चली गई है। रियासी में तो तीर्थयात्रियों की बस पर ही आतंकी हमला किया है। इन सब के बीच अब करीब 5000 से ज्यादा लोग कड़ी सुरक्षा के बीच कश्मीर जा रहे हैं। आपको बता दें कि इनमें ज्यादातर लोग कश्मीरी पंडित समुदाय से हैं। ये सभी लोग कश्मीर में वार्षिक खीर भवानी मेले के लिए जा रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है इस मेले की अहमियत।
चार दिनों तक चलेगी यात्रा
जम्मू के नगरोटा से 5,000 से अधिक लोग कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को कश्मीर में वार्षिक खीर भवानी मेले के लिए रवाना हुए हैं। यह यात्रा चार दिन तक चलेगी। भजन गाते और मंत्रोच्चार करते हुए श्रद्धालु 176 बसों में सवार होकर कश्मीर घाटी में पांच धार्मिक स्थलों के लिए रवाना हुए हैं। अधिकारियों ने बताया है कि तीर्थयात्री दोपहर में रामबन में रुकेंगे और भोजन करेंगे। तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
हम आतंकी हमलों से नहीं डरते- श्रद्धालु
खीर भवानी मेले के लिए रवाना हुए श्रद्धालुओं से जब प्रदेश में जारी आतंकी हमलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम इन आतंकी हमलों से नहीं डरते। हम कब तक डरते रहेंगे? हमारी सुरक्षा माता करेंगी। जगाम में माता खीरभवानी मंदिर जा रहे कासुम पंडिता ने कहा कि वे डरने के बजाय तीर्थयात्रा में भाग लेकर उत्साहित हैं।
80,000 प्रवासी कश्मीरी पंडित आएंगे
खीर भवानी मेला 14 जून को ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर मनाया जाएगा। ये मेला गंदेरबल के तुलमुल्ला, कुपवाड़ा के टिक्केर, अनंतनाग के लक्तीपोरा ऐशमुकाम, कुलगाम के माता त्रिपुरसुंदरी देवसर और कुलगाम के ही माता खीरभवानी मंजगाम में मनाया जाएगा। माना जा रहा है कि भारत और विदेशों से करीब 80,000 प्रवासी कश्मीरी पंडित इस मेले में भाग लेंगे। (इनपुट: भाषा)
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