Violent Clash Between India and China in Tawang: वास्तविक नियंत्रण रेखा के तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प के चलते सेना प्रमुख का दौरा टल गया है। सेना के अनुसार इस बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय तवांग दौरे पर जाने वाले थे। मगर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के चलते उन्होंने अपना दौरा टाल दिया है। अब भी सीमा पर हालात चिंताजनक बने हुए हैं, किंतु स्थिति नियंत्रण में है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के कुछ दिनों बाद सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल सी बी पोनप्पा ने मंगलवार को कहा कि सब कुछ ठीक है और हालात नियंत्रण में हैं।
भारतीय सेना ने सोमवार को कहा था कि नौ दिसंबर को झड़प होने के कारण ‘‘दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं। इस दौरान भारत के करीब 8 और चीन के 20 से ज्यादा सैनिकों के घायल होने की खबर है। झड़प के बाद की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने कहाकि, ‘‘सब ठीक है और नियंत्रण में है। हम सब सुरक्षित हैं। उन्होंने सलवान पब्लिक स्कूल के वार्षिक समारोह ‘सम्मान दिवस’ में छात्रों को संबोधित किया। ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें उन्होंने पूर्व में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनकी वीरता को नमन किया। लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने छात्रों से कहा, ‘‘सेना प्रमुख की ओर से आप सभी के साथ जुड़ना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। हम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। आज हमारे उन सैनिकों को सम्मानित करने का अवसर है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने टाला दौरा
इस कार्यक्रम में सलवान एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) संजीव शुक्ला ने कहा, ‘‘जैसा कि आप सभी जानते हैं कि चीनी सेना के साथ सीमा पर क्या हुआ, इसलिए हमारे सेना प्रमुख तय कार्यक्रम के बावजूद यहां नहीं आ सके। आपको बता दें कि सेना प्रमुख इस दौरान तवांग जाने वाले थे, मगर भारत और चीनी सैनिकों के बीच 9 और 11 दिसंबर को हुई झड़प के चलते उपजे तनाव को देखते हुए उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया। मेजर जनरल शुक्ला ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को करारा जवाब दिया है। शुक्ला ने कहा, ‘‘हमने उन्हें उस जमीन से खदेड़ दिया, जिसे वे हड़पना चाहते थे। सीमाओं पर हमारे सबसे बहादुर सैनिक हैं और जब तक वे वहां हैं, तब तक हम चैन से सो सकते हैं। वर्ष 2020 में भी चीनी सैनिक भारत में घुसपैठ के इरादे से आए थे। उस दौरान भी भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प गलवान घाटी में हुई थी। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी करीब 60 जवान इस संघर्ष में मारे गए थे। अब एक बार फिर से भारत और चीन के बीच सीमा पर भारी तनाव है। फ्लैग मीटिंग के बावजूद अभी सबकुछ ठीक नहीं है।
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