भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सीमा क्षेत्र की चुनौतियों पर खरी-खरी कह दी है। पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद नहीं खत्म होने के पीछे सेना प्रमुख ने अब तक का सबसे बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह चुनौतियां हमें विरासत में मिली हैं। सेना प्रमुख के इस बयान से देश की सियासत में खलबली मच गई है। भारतीय सेना प्रमुख ने बयान में यह बताया है कि क्यों भारतीय सीमा पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सेना प्रमुख के बयान को सुनकर तमाम राजनीतिक दल भी भौचक्के रह गए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास जैसे युद्ध के मद्देनजर दुनिया को ब्लैक श्वान जैसी घटनाओं के प्रति आगाह किया है। सेना प्रमुख ने कहा है कि ब्लैक श्वान जैसी घटनाएं दुनिया में उथल-पुथल मचा सकती हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाओं को "अप्रत्याशित की अपेक्षा करें" की कहावत के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है। उन्होंने भू-राजनीतिक परिदृश्यों और सुरक्षा चुनौतियों के बारे में सेना के जागरूक रहने की जरूरत पर भी जोर दिया।
सेना प्रमुख ने कहा-विरासत में मिली चुनौतियां हमें उलझाना जारी रखेंगी
नागपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि विरासत में मिली अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां हमें उलझाना जारी रखेंगी। सेना प्रमुख जनरल पांडे की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच आई है। विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए जनरल पांडे ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक तरीके से अधिकार को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ''अप्रत्याशित की अपेक्षा करना एक ऐसी चीज है जो हमारे लिए जरूरी है।
'' सेना प्रमुख पांडे ने कहा, ''ब्लैक स्वान जैसी घटनाएं वैश्विक सुरक्षा के परिदृश्य में उथल-पुथल ला सकती हैं। रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास के बीच जारी संघर्ष के परिणाम अन्य देशों के बीच संबंधों को फिर से परिभाषित करेंगे, जो आने वाले दशकों में विश्व राजनीति को एक नया रंग देंगे।' (भाषा)
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