Anti-Terrorism Day 2022: 90 के दशक की शुरुआत से ही भारत आतंक (Terrorism ) के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इस लड़ाई में हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इन लोगों में हमारे सुरक्षाबल के जवानों के साथ-साथ आम लोग भी शामिल हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद (Terrorism) की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें स्थानीय युवकों का कट्टरपंथ की ओर झुकाव को रोकना भी शामिल है। देशवासियों के बीच राष्ट्रीय एकता और सद्भाव को बढ़ाने और आतंकवाद के खात्मे के संकल्प के साथ हम हर साल 21 मई को आतंकवाद रोधी दिवस (Anti-Terrorism Day ) मनाते हैं। आज हम एक नजर डालेंगे उन पांच बड़ी आतंकी घटनाओं पर जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
1993 मुंबई ब्लास्ट
देश में एक बड़े सीरियल बम ब्लास्ट की यह पहली घटना थी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को निशाना बनाकर किए गए इस हमले से पूरा देश हिल उठा था। इस आतंकी वारदात की गूंज पूरी दुनिया तक सुनाई दी थी। 2 मार्च 1993 को मुंबई में 12 जगहों पर बम ब्लास्ट हुए । इस आतंकी घटना में 257 लोगों की मौत हो गई जबकि 713 लोग जख्मी हो गए। इन धमाकों के दोषी याकूब मेनन को फांसी की सजा दी गई थी।
2001 संसद भवन पर हमला
13 दिसंबर 2001 को नयी दिल्ली स्थित देश की भवन पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद दोनों का हाथ था। इस हमले का उद्देश्य संसद भवन के अंदर सांसदों को बंधक बनाकर अपनी मांगें मनवाने का था। लेकिन संसद की सुरक्षा में तैनात देश के वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए आतंकियों को खात्मा कर दिया । आतंकी संसद भवन के अंदर दाखिल नहीं हो पाए। इस हमले में दिल्ली पुलिस के छह कर्मियों, संसद सुरक्षा सेवा के दो कर्मी शहीद हो गए। संसद परिसर में कार्यरत एक माली को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। इस हमले के चलते भारत पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।
26/11 मुंबई आतंकी हमला
Image Source : FILE26/11 Mumbai Attack
वर्ष 2008 में इस आतंकी हमले ने पूरी मुंबई को दहशत में ला दिया था। 26 नवंबर को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए और उन्होंने अलग-अलग जगहों पर हमले किए। इसमें होटल ताज, होटल ओबेरॉय, नरीमन हाउस में लंबे एनकाउंटर के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को ढेर कर दिया। इस हमले में आतंकियों ने 164 बेगुनाह लोगों की जान ले ली जबकि 308 लोग घायल हुए। इस हमले में महाराष्ट्र पुलिस ने आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया था जिसे बाद में फांसी दे दी गई थी।
2016 उरी अटैक
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकवादियों ने सेना के कैंप पर हमला कर दिया था। इस हमले में 19 सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। आतंकी एलओसी पार कर भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे और सुबह-सुबह सेना के कैंप को निशाना बनाकर हमला किया। करीब 6 घंटे तक आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में हमले में शामिल चारों आंतकी मारे गए थे। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर इस हमले का बदला लिया था।
Latest India News