Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार भारी गुस्से, गम और प्रदर्शन के बीच संपन्न हो गया। हालांकि, अंतिम संस्कार से पहले लोगों ने ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था और नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों को आश्वासन दिया कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी तज जाकर लोग माने। क्योंकि अंकिता के पिता और भाई मांग कर रहे थे कि वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही अंकिता का अंतिम संस्कार करेंगे।
जाम खोलने को राजी नहीं थे लोग
अंकिता भंडारी हत्याकांड से आक्रोशित लोगों ने उसके लिए इंसाफ की मांग करते हुए रविवार को कई घंटे तक ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम रखा। कई प्रयासों के बावजूद जाम को खुलवाने में विफल रहने के बाद पुलिस अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी को धरनास्थल पर लेकर लाई, लेकिन लोग जाम खोलने को राजी नहीं हुए। राजमार्ग पर एकत्र प्रदर्शनकारियों की मांग की कि हत्या करने वाले दोषियों को तत्काल फांसी की सजा दी जाए। कुछ लोगों ने अंकिता के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य के लिए नौकरी की भी मांग की।
शव का पोस्टमॉर्टम AIMS में हुआ था
अंकिता के पिता ने मौके पर जुटी भीड़ को बताया कि पुलिस उनके साथ सहयोग कर रही है और जांच भी ठीक प्रकार से की जा रही है। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनके बयान को प्रशासन के दवाब में दिया गया बयान बताते हुए धरना स्थल से उठने से मना कर दिया। अंकिता हत्याकांड के विरोध में श्रीनगर उत्तराखंड में दुकानें और बाजार बंद रहे। अंकिता के गांव श्रीकोट से करीब 23 किलोमीटर दूर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर में उसका शव रखा हुआ था।
शव का पोस्टमार्टम शनिवार को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुआ था। पौड़ी के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने बताया कि अंकिता के परिवार ने अपनी पुत्री का अंतिम संस्कार करने की इच्छा प्रकट की है और लोगों से भी उनका सहयोग करने का अनुरोध किया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक भीड़ ने अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है। इससे पहले, अंकिता के पिता ने कहा था कि वह प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं और जब तक अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक वह उसकी अंत्येष्टि नहीं करेंगे।
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