राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2018 में हुए अंकित सक्सेना मर्डर मामले अदालत ने तीन लोगों को दोषी ठहराया था। इस मामले पर आज सुनवाई होनी थी। लेकिन तीस हजारी कोर्ट में यह सुनवाई टल गई है। इस मुद्दे पर अगली सुनवाई अब 31 जनवरी को होगी। कोर्ट ने दोषियों और अभियोजन पक्ष के वकील को हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया है। कोर्ट में दोषियों के वकील ने मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर भी सवाला उठाया और इसपर रोक लगाने की मांग की। अभियोजन पक्ष के वकील ने दोषियों के वकील की दलील का विरोध किया।
अंकित सक्सेना हत्याकांड में सुनवाई टली
कोर्ट ने दोषियों के वकील से नया आवेदन दाखिल करने को कहा है। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि कन्विक्शन का आदेश मीडिया में चलाया गया जो एक पब्लिक डॉक्यूमेंट है। बता दें कि साल 2018 में पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में एक मुस्लिम लड़की से प्रेम करने के कारण अंकित सक्सेना की हत्या गला काटकर कर दी गई थी। इस मामले में अदालत ने विशेष समुदाय की लड़की की मां शहनाज बेगम, पिता अकबर अली और मामा मोहम्मद सलीम को दोषी ठहराया है। अदालत ने इस मामले पर कहा कि अभियोजन पक्ष ने कोर्ट ने यह साबित किया है कि विशेष समुदाय की लड़की से प्रेम करने के कारण अंकित की हत्या की गई।
कैसे हुई थी अंकित सक्सेना की हत्या
बता दें कि अंकित सक्सेना की आयु 23 वर्ष थी। वह पेशे से एक फोटोग्राफर था। वह करीब तीन साल से विशेष समुदाय की लड़की के साथ रिलेशन में था। लड़की के परिवार ने इस रिश्ते पर ऐतराज जताया। बता दें कि जिस दिन अंकित की हत्या की गई, उस दिन उसकी प्रेमिका अपने घर से निकल गई थी। इस कारण बौखलाए तीनों परिजनों ने इस घटना को अंजाम दिया। अंकित की मां की मानें तो लड़की के भाई और मामा ने अंकित के हाथ को पकड़ लिया। पीछे से लड़की के पापा आए। इसके बाद अंकित के गले को झुकाकर चाकू से काट दिया। उन्होंने बताया कि आरोपी पूरी प्लानिंग के साथ हत्या करने के लिए आए थे।
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