तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश है। हालही में आंध्र प्रदेश सरकार ने तीन बड़े फैसले भी लिए थे, जिसमें कहा गया था कि परंपराओं के अनुसार मंदिर का शुद्धीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे मामले की आईजीपी स्तर पर जांच के आदेश दिए गए थे। अब मंदिर की प्रबंधन समिति में सिर्फ वही लोग रहेंगे, जिनकी भगवान के प्रति आस्था होगी। इसके अलावा सभी मंदिरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई जाएगी, जिसका पालन सभी मंदिरों के लिए अनिवार्य होगा।
टीटीडी ने किया महाशांति होम का आयोजन
टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) ने लड्डू प्रसादम विवाद के मद्देनजर एक महा शांतिहोम का आयोजन किया है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शमाला राव और बोर्ड के अन्य अधिकारियों ने पुजारियों के साथ होम में भाग लिया है।
बता दें कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ( टीटीडी ) भारत में एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट है, जिसका प्रबंधन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है । ट्रस्ट मुख्य रूप से सबसे अमीर और सबसे अधिक देखे जाने वाले धार्मिक केंद्र वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुमाला के संचालन और वित्त की देखरेख करता है। इसका मुख्यालय आंध्र प्रदेश में तिरुमाला , तिरुपति में है।
सीएम ने ट्रस्ट पर लगाए गंभीर आरोप
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने हालही में आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान टीटीडी बोर्ड में नियुक्तियां जुआं की तरह हो गई थीं और ऐसे लोगों को नियुक्त करने के उदाहरण हैं, जिनकी कोई आस्था नहीं थी और बोर्ड में गैर-हिंदुओं को वरीयता दी गई।
नायडू ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लड्डू के संबंध में इस खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई कि उसके निर्माण में कथित तौर पर पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। नायडू ने कहा, ‘‘आईजी (महानिरीक्षक) स्तर या उससे ऊपर के अधिकारी की निगरानी में एसआईटी का गठन किया जाएगा। यह सभी कारणों, सत्ता के दुरुपयोग की जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट देगी।'
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