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Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश CM के इस फैसले को लेकर बहन ने जताई नाराजगी, जानें क्या है पूरा मामला

Andhra Pradesh News: उन्होंने कहा, "आज इस संस्था का नाम बदलकर वाईएसआर कर दिया गया है। कल, कोई और सरकार नाम बदल सकती है। क्या यह वाईएसआर का अपमान नहीं होगा?"

YS Sharmila, sister of Andhra Pradesh Chief Minister Jagan Mohan Reddy- India TV Hindi Image Source : PTI YS Sharmila, sister of Andhra Pradesh Chief Minister Jagan Mohan Reddy

Highlights

  • 'किसी संस्थान का नाम बदलने की जरूरत नहीं'
  • "किसी को भी वाईएसआर का दर्जा प्राप्त नहीं है। जब उनका निधन हुआ, तो 700 लोग सदमे से मर गए थे।"
  • 21 सितंबर को एक विधेयक हुआ था पारित

Andhra Pradesh News: वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की नेता वाई.एस. शर्मिला ने अपने भाई और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का नाम अपने दिवंगत पिता वाई.एस. राजशेखर रेड्डी (वाईएसआर) के नाम पर बदलने के फैसले को गलत करार दिया है। उन्हें लगता है कि यह कदम तेदेपा के दिवंगत संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव के करोड़ों प्रशंसकों का अपमान करने जैसा है।

'किसी संस्थान का नाम बदलने की जरूरत नहीं'

शर्मिला ने कहा कि उनके पिता एक महान और लोकप्रिय नेता थे। उन्हें किसी संस्थान का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी, जो पहले से ही किसी अन्य नेता के नाम पर रखा गया था। उन्होंने कहा, "आज इस संस्था का नाम बदलकर वाईएसआर कर दिया गया है। कल, कोई और सरकार नाम बदल सकती है। क्या यह वाईएसआर का अपमान नहीं होगा?" विकाराबाद जिले में इस समय पदयात्रा कर रही शर्मिला को लगता है कि वाईएसआर को किसी की प्रसिद्धि की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "किसी को भी वाईएसआर का दर्जा प्राप्त नहीं है। जब उनका निधन हुआ, तो 700 लोग सदमे से मर गए थे।"

21 सितंबर को एक विधेयक हुआ था पारित

गौरतलब है, आंध्र प्रदेश विधानसभा ने 21 सितंबर को एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वाईएसआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय करने के लिए एक विधेयक पारित किया। विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की आपत्तियों और विरोधों को नजरअंदाज करते हुए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार कानून के साथ आगे बढ़ी। बता दें कि एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022, तेदेपा सदस्यों की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से पारित किया गया था, जिन्हें पहले राज्य सरकार के कदम के विरोध में कार्यवाही को रोकने के लिए अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम द्वारा सदन से निलंबित कर दिया गया था।

CM ने सरकार के कदम का किया बचाव

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने विश्वविद्यालय का नाम बदलने के सरकार के कदम का बचाव किया। उन्होंने कहा कि वाईएसआर न केवल एक चिकित्सक और राजनेता थे, बल्कि एक महान मानवतावादी भी थे, जो गरीबों को समझते थे और उन्हें मुफ्त में सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करते थे। बता दें कि 1986 में स्थापित, स्वास्थ्य विश्वविद्यालय का नाम 1998 में एन.टी. रामा राव, जिन्हें एनटीआर के नाम से जाना जाता था, के नाम पर रख दिया गया। विधेयक के पारित होने के साथ, विश्वविद्यालय का नाम बदलकर अब वाई.एस. राजशेखर रेड्डी रख दिया गया है।

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