गोपालगंज के मारे गए DM के परिजनों से मिलना चाहता है आनंद मोहन का परिवार
पूर्व डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन सहित 27 लोगों की रिहाई को लेकर कई लोगों ने विरोध किया है। कृष्णैया की पत्नी ने भी इस पर अपना विरोध दर्ज करवाया है। माना जा रहा है इसी विरोध को कम करने के लिए आनंद मोहन के परिवार ने ऐसा निर्णय लिया है।
पटना: तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले जी. कृष्णैया बिहार कैडर में 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी थे। 5 दिसम्बर, 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के मामले में सजायाफ्ता आनंद मोहन सहित 27 लोगों की रिहाई को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है। इस बीच, पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद ने अधिकारी के परिजनों से मिलने की इच्छा व्यक्त की है।
'मेरे पिता अदालत द्वारा दोषी ठहरा दिए गए हों लेकिन वे दोषी नहीं हैं'
RJD के विधायक चेतन आनंद ने बुधवार को कहा कि अधिकारी जी. कृष्णैया के परिवार से पूरी सहानुभूति है। उन्होंने इच्छा जताई कि उनका परिवार हैदराबाद जाकर जी. कृष्णैया की पत्नी और बेटी से मिलना चाहता है। इसके लिए हैदराबाद में उन्होंने अपने लोगों से संपर्क साधा है, जो जी. कृष्णैया की पत्नी के पास जाएंगे। उन्होंने कहा इस घटना के बाद दोनों परिवार ने काफी कुछ सहा है। दोनों परिवारों ने काफी दुख उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कृष्णैया की पत्नी टी. उमा देवी राजी होंगी, तो उनसे मिलने जाएंगे। उन्होंने कहा कि भले उनके पिता अदालत द्वारा दोषी ठहरा दिए गए हों लेकिन वे दोषी नहीं हैं।
आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर रही हैं जी. कृष्णैया की पत्नी
माना जा रहा है कि अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन सहित 27 लोगों की रिहाई को लेकर कई लोगों ने विरोध किया है। कृष्णैया की पत्नी ने भी इस पर अपना विरोध दर्ज करवाया है। माना जा रहा है इसी विरोध को कम करने के लिए आनंद मोहन के परिवार ने ऐसा निर्णय लिया है।
बिहार सरकार ने नियम में बदलाव कर जेल से निकाला
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार की सरकार डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित राज्य की विभिन्न जेलों में 14 साल से ज्यादा समय से बंद 27 अन्य कैदियों को रिहा करने वाली है। इस संबंध में सोमवार देर शाम एक अधिसूचना जारी की गई थी।
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इससे पहले 10 अप्रैल को नीतीश सरकार ने बिहार राज्य कारा हस्तक 2012 के नियम- 481(i) (क) में संशोधन किया था। इसके बाद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। बता दें कि 14 साल की जेल की सजा पूरी होने के बावजूद आनंद मोहन को सरकारी सेवक की हत्या का दोषी होने के कारण रिहाई नहीं मिल पा रही थी। राज्य सरकार ने इसी माह 10 अप्रैल को जेल मैनुअल के परिहार नियमों में बदलाव को कैबिनेट की स्वीकृति दी थी।