अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर बोले गृह मंत्री अमित शाह, कही ये बड़ी बात
अमित शाह ने कहा कि 2024 में कोई स्पर्धा नहीं है, देश एकतरफा मोदी के साथ आगे बढ़ रहा है। देश की जनता को तय करना है अभी तक तो लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का लेबल जनता ने किसी को नहीं दिया है।
नई दिल्ली: पिछले 20 दिनों से देश और दुनिया में उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर खूब हो हल्ला मचा हुआ है। विपक्ष इस मुद्दे को बहाने सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेर रहा है। अमेरिकी संस्थान हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह को करोड़ों रुपयों का नुकसान हो चुका है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान इसको लेकर सरकार पर कई तीखे प्रहार किये थे। अब इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा बयान आया है।
इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं - गृह मंत्री
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। कैबिनेट का सदस्य होने के नाते इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा, परन्तु इसमें भाजपा के लिए कुछ छुपाने के लिए नहीं है और न ही किसी बात से डरने की जरूरत है। लोकसभा में अडानी प्रकरण को लेकर राहुल गांधी के भाषण पर अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी के भाषण को लिखने वाली टीम को सोचना चाहिए।
PFI देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन - अमित शाह
अमित शाह ने कहा, "PFI कैडर पर कई मामले थे उन्हें समाप्त करने का काम कांग्रेस ने किया, जिसे कोर्ट ने रोका। हमने PFI को सफलतापूर्वक बैन किया। PFI देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था। आतंकवाद का एक प्रकार से सामग्री तैयार करने का काम वे लोग कर रहे थे। हमारी सरकार वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठे और पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया।"
नक्सलवाद लगभग समाप्त हो चुका है - गृह मंत्री
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बिहार और झारखंड में नक्सवादी उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद से संबंधित सभी प्रकार के आंकड़े सबसे अच्छी स्थिति में हैं।
शहरों के नाम बदलने के फैसलों का किया बचाव
बीजेपी को शहरों के नाम बदलने को लेकर अक्सर आलोचना का सामना करना पड़ता है। इस विषय को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी और सरकार का पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि एक भी शहर ऐसा नहीं है जिसका पुराना नाम न हो और बदला है। इसपर बहुत सोच समझकर हमारी सरकारों ने फैसले लिए हैं और हर सरकार का ये विधायी अधिकार है।