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Hindi News भारत राष्ट्रीय पीओके में हिंसा के बीच विदेश मंत्री जयशंकर का बयान, बोले- यह भारत का हिस्सा था और रहेगा

पीओके में हिंसा के बीच विदेश मंत्री जयशंकर का बयान, बोले- यह भारत का हिस्सा था और रहेगा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हो रहे हंगामे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 जारी था तब तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी।

पीओके पर एस जयशंकर का बड़ा बयान।- India TV Hindi Image Source : PTI पीओके पर एस जयशंकर का बड़ा बयान।

भारी महंगाई के कारण पाक अधिकृत कश्मीर में इस वक्त हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। पीओके में गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों और अधिक टैक्स के खिलाफ जनता हड़ताल कर रही है। जनता के उग्र रूप को देखकर पाकिस्तान सरकार भी घबराई हुई है। अब इस पूरे मामले पर भारत के विदेश मंत्र एस जयशंकर का बयान भी सामने आया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि पीओके के लोग अपनी स्थिति की तुलना जम्मू-कश्मीर से कर रहे होंगे क्योंकि भारत ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में काफी विकास किया है। इसके साथ ही जयशंकर ने और भी कई जरूरी टिप्पणियां की हैं। 

पीओके वाले अपनी तुलना जम्मू-कश्मीर से कर रहे

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है पीओके के लोग निश्चित ही अपनी स्थिति की तुलना जम्मू-कश्मीर के लोगों से कर रहे होंगे। वह देख रहे होंगे कि जम्मू कश्मीर कैसे प्रगति कर रहा है। जयशंकर ने कहा कि वे जानते हैं कि कब्जे में होने, भेदभाव किए जाने, बुरा व्यवहार किए जाने की कोई भी तुलना स्पष्ट है। उनके दिमाग में ऐसी कोई भी तुलना घर कर जाएगी। 

पीओके का भारत में विलय कब होगा?

इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर हमेशा भारत का हिस्सा था और रहेगा। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि विलय से आपका क्या मतलब है क्योंकि पीओके भारत का रहा है और हमेशा रहेगा। जयशंकर ने कहा कि अगर ये पूछा जा रहा है कि पाकिस्तान का कब्जा कब खत्म होगा तो ये मुझे काफी दिलचस्प लगता है। 

370 के वक्त पीओके की ज्यादा चर्चा नहीं होती थी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 जारी था तब तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी। उन्होंने बताया कि 1990 के दशक में एक ऐसा समय भी आया था जब पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर कुछ दबाव डाला गया था। इस वक्त संसद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था। आपको बता दें कि पीओके में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी हुई है जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है और 6 लोग घायल हुए हैं।

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