Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा के दौरान बीते शुक्रवार को बादल फटने की त्रासद घटना हुई थी। इसके बाद आंशिक रूप से रोकी गई अमरनाथ यात्रा आज 11 जुलाई को पहलगाम के नुनवान आधार शिविर से फिर से शुरू होगी। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड अधिकारी ने बताया कि बालटाल और नूनवान दोनों तरफ से हेलिकॉप्टर उपलब्ध होंगे। बालटाल में अचानक आई बाढ़ से बेखौफ श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पूरे उत्साह और भक्ति के साथ जम्मू में अमरनाथ यात्रा आधार शिविर में पहुंच रहे हैं। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद बालटाल में आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
शुक्रवार को हुई त्रासदी पर दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें कोई डर नहीं है क्योंकि उन्हें भगवान शिव में पूर्ण विश्वास है। यह 43 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 30 जून को दो मार्गों से शुरू हुई। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम में नुनवान से 48 किलोमीटर का पारंपरिक मार्ग है। दूसरा मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले में बालटाल मार्ग 14 किलोमीटर छोटा है। अब तक एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर में पूजा की है। यह यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होने वाली है।
"बम बम भोले", "हर हर महादेव" के नारे लगाते हुए पहुंच रहे श्रद्धालु
बाबा बर्फानी के दर्शन को अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ त्रिपुरा से आए अनंतजीत ने कहा, "हम शनिवार को जम्मू पहुंचे। हमें कोई डर नहीं है। हम यहां भगवान शिव का नाम लेकर आए हैं। अगर यहां हमारी जान जाती है, तो कोई डर नहीं। हम भोलेनाथ के दर्शन करने आए हैं और हमें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता।" "बम बम भोले", "हर हर महादेव" और भोलेनाथ की जय के नारे लगाते हुए, गुजरात के राजकोट से 60 उत्साही श्रद्धालुओं का एक समूह यहां भगवती नगर आधार शिविर में पहुंचा। कानपुर से आए सुरिंदर सिंह ने कहा, "हमारे मन में कोई डर नहीं है। बादल फटना हो या अचानक बाढ़, हम भोलेनाथ के आशीर्वाद से अमरनाथ जाएंगे। हम बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन के लिए उत्साहित हैं क्योंकि हम पिछले दो वर्षों में कोविड-19 के कारण मंदिर नहीं जा सके।"
देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु पहुंच रहे जम्मू
देश के विभिन्न हिस्सों से ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु गुफा मंदिर में दर्शन करने के लिए जम्मू पहुंचे हैं। जम्मू में आधार शिविर के अलावा पंजीकरण काउंटर, टोकन सेंटर और लॉजिंग सेंटर पर भारी भीड़ देखी गई। अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण आई अचानक बाढ़ भी जम्मू में धार्मिक उत्साह और भक्ति के मूड को बदलने में विफल रही है। एक अधिकारी ने कहा, "बड़े उत्साह के साथ सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।"
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