नयी दिल्ली: 30 जून से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा संबंधी तैयारियों की केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शुक्रवार को समीक्षा की। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पिछले 2 साल यह यात्रा बंद रही थी। इस बीच अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12 हजार जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के सैकड़ों कर्मी ड्रोन कैमरों की मदद से अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त तक जारी रहेगी।
2019 में भी समय से पहले खत्म हुई थी यात्रा
केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दक्षिण कश्मीर में 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा तक की यात्रा के लिए शुक्रवार को सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। यह यात्रा वर्ष 2021 और 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण नहीं हो सकी थी। वहीं, वर्ष 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने से पूर्व इस यात्रा को तय समय से पहले खत्म कर दिया गया था।
सरकार के लिए अहम है यात्रियों की सुरक्षा
जम्मू कश्मीर में हाल में निशाना बनाकर लोगों को हत्याओं की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है,जिसे देखते हुए अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सरकार के लिए काफी अहम है। अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव ने अर्धसैनिक बलों और जम्मू कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि पहलगाम और बालटाल यात्रा मार्गों में जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों के 12,000 जवानों (120 कंपनी) को तैनात किए जाने की संभावना है।
ड्रोन कमरों के जरिए होगी पूरे रूट की निगरानी
अधिकारियों के मुताबिक, श्रद्धालुओं की सुरक्षा में सिक्योरिटी फोर्सेज की मदद के लिए ड्रोन कैमरों के जरिए यात्रा के पूरे रूट पर निगरानी की जाएगी। इस यात्रा में 3 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होगी। श्रद्धालुओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (RFID) टैग भी दिए जाएंगे। CRPF के महानिदेशक कुलदीप सिंह और BSF के महानिदेशक पंकज सिंह और अन्य अधिकारी व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल हुए, जबकि जम्मू कश्मीर के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसमें हिस्सा लिया।
Latest India News