Karnataka News: हिजाब विवाद के बाद, कर्नाटक शिक्षा क्षेत्र एक और संकट के लिए तैयार है, अब राज्य वक्फ बोर्ड ने मांग की है कि शिक्षा विभाग उन्हें गणेश उत्सव जैसे स्कूलों में ईद मिलाद मनाने की अनुमति दे। शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने गुरुवार को कहा कि स्कूलों में किसी भी धार्मिक समारोह की इजाजत नहीं है। ऐसी अनुमति अब तक नहीं दी गई है और वक्फ बोर्ड की मांग पर विचार नहीं किया जाएगा। नागेश ने कहा कि बीजेपी सरकार ने गणेश उत्सव मनाने की शुरुआत नहीं की है। स्वतंत्रता-पूर्व काल से ही भगवान गणेश की मूर्तियों को स्कूलों में रखा गया है।
'नमाज अदा करने के लिए स्कूलों में एक अलग कमरा दें'
बता दें कि शफी सादी की अध्यक्षता में वक्फ बोर्ड ने मांग की है कि शिक्षा विभाग नमाज अदा करने के लिए स्कूलों में एक अलग कमरा अलॉट करे। शफी सादी ने मांग की है कि, "हमारे धर्म के त्योहारों को मनाने का अवसर होना चाहिए। सभी धर्मों के बच्चों को समान अधिकार होने चाहिए।" उन्होंने कहा, "हिजाब संकट के दौरान भी हमने स्पष्ट किया था कि धार्मिक मामलों के बारे में जागरूकता पैदा करके गलतफहमियों को दूर किया जाना चाहिए। जैसे गणेश उत्सव मनाया जाता है, वैसे ही इस्लाम के अभ्यास के लिए एक कमरा रखा जाना चाहिए।"
हिजाब विवाद पर भी कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने उठाया था ये कदम
वहीं, आपको बता दें इससे पहले जिस वक्त देशभर में हिजाब का मुद्दा गर्माया हुआ था तो लोग दो हिस्सों बंट गए थे। साथ ही कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि जिन्हें हिजाब पहनना है वो अलग स्कूल भी बना सकते हैं। ऐसे में कर्नाटक स्टेट वक्फ बोर्ड की मीटिंग में इससे संबंधित फैसला लिया गया था। मीटिंग में फैसला लिया गया था कि राज्य के सभी जिलों में वक्फ बोर्ड की ऐसी खाली पड़ी जमीनों की तलाश की जाए जहां स्कूल बनाए जा सकें।
वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मौलाना शफी सादी ने बताया था कि मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर स्कूल नहीं जा रही हैं जबकि हिजाब इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है ऐसे में हमें ही कुछ करना है। इसलिए डिस्ट्रिक वक्फ ऑफिस से इंफार्मेशन लेनी है कि कहां कहां जगह खाली है ताकि वहां महिला कॉलेज बनाए जा सकें।
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