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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत और जापान की वायुसेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देगी चीन को चुनौती, जानें 'वीर गार्जियन-2023' का प्लान

भारत और जापान की वायुसेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देगी चीन को चुनौती, जानें 'वीर गार्जियन-2023' का प्लान

Joint Air Force Exercise of India & japan: चीन एक तरफ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत से तो दूसरी तरफ दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान से रार ठाने बैठा है। ऐसे में भारत के साथ ही साथ जापान से भी चीन की ठन गई है।

भारतीय वायुसेना- India TV Hindi Image Source : FILE भारतीय वायुसेना

Joint Air Force Exercise of India & japan: चीन एक तरफ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत से तो दूसरी तरफ दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान से रार ठाने बैठा है। ऐसे में भारत के साथ ही साथ जापान से भी चीन की ठन गई है। चीन भारत और जापान का संयुक्त रूस दुश्मन है। लिहाजा भारत और जापान दोनों देशों की वायु सेनाएं आगामी 12 जनवरी से जबरदस्त हवाई सैन्य अभ्यास करने जा रही हैं। भारत और जापान के 'वीर गार्जियन-2023' अभियान के बारे में जानकर चीन में खलबली मच गई है। क्योंकि चीन को दोनों देशों के इस, संयुक्त अभ्यास से खतरे का डर सता रहा है।

भारत और जापान की वायु सेनाएं 12 से 26 जनवरी तक पहला द्विपक्षीय अभ्यास करेंगी। दोनों देशों के बीच होने वाला यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य ताकत को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच प्रगाढ़ होते रक्षा संबंधों को दर्शाता है। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएएसडीएफ) के बीच 'वीर गार्जियन-2023' नामक यह अभ्यास जापान के हयाकुरी एयरबेस पर आयोजित किया जाएगा। भारतीय वायुसेना ने शनिवार को कहा कि अभ्यास में उसकी तरफ से चार सुखोई-30 एमकेआई विमान, दो सी-17 विमान और एक आईएल-78 विमान हिस्सा लेंगे। जेएएसडीएफ के चार एफ-2 और चार एफ-15 विमान अभ्यास में हिस्सा लेंगे। आईएएफ ने एक बयान में कहा, “देशों के बीच वायु रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, भारत और जापान संयुक्त हवाई अभ्यास 'वीर गार्जियन-2023' आयोजित करने के लिए तैयार हैं।

8 सितंबर 2022 को बनी थी अभ्यास पर सहमति
भारत और जापान के बीच 8 सितंबर 2022 को टोक्यो आयोजित दूसरी विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने और अधिक सैन्य अभ्यासों में शामिल होने पर सहमति बनी थी। इस दौरान पहला संयुक्त लड़ाकू जेट अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ती हुई प्रगाढ़ता की स्थिति को दर्शाता है। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को गहरा करने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक और अहम कदम होगा।

उद्घाटन अभ्यास में दोनों वायु सेनाओं के बीच विभिन्न हवाई युद्ध अभ्यास शामिल होंगे। वे एक जटिल वातावरण में बहु-डोमेन हवाई युद्ध मिशन और सर्वोत्तम प्रणालियों का आदान-प्रदान करेंगे। दोनों पक्षों के विशेषज्ञ विभिन्न परिचालन पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए भी चर्चा करेंगे। अभ्यास 'वीर गार्जियन' दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती के बंधन को मजबूत करेगा और दोनों वायु सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के रास्ते बढ़ाएगा।

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