नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 3,700 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा और भारतीय वायुसेना के 4 कर्मियों के खिलाफ सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई ने शर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आरोप पत्र दायर किया। शर्मा 2011 और 2013 के बीच रक्षा सचिव थे और उन्हें नियंत्रक और महालेखा परीक्षक नियुक्त किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि CBI ने तत्कालीन वायु सेना उपप्रमुख जसबीर सिंह पनेसर (अब सेवानिवृत्त), उपमुख्य परीक्षण पायलट एस. ए. कुंटे, तत्कालीन विंग कमांडर थॉमस मैथ्यू और ग्रुप कैप्टन एन. संतोष का भी आरोपी के तौर पर नाम लिया है। कुंटे और संतोष एयर कमोडोर के पद से रिटायर्ड हुए। यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 VVIP हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए कथित रिश्वतखोरी से संबंधित है। ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना द्वारा निर्धारित 6,000-मीटर ऑपरेशनल सीलिंग पैरामीटर को पूरा नहीं करते थे, इसलिए खरीद के अयोग्य थे।
अगस्ता वेस्टलैंड के हेलीकॉप्टरों की जरूरत VVIPs, जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री शामिल थे, के दौरों के लिए 1999 में महसूसस की गई थी और IAF के सोवियत युग के Mi8s के विकल्प को खोजने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया था। CBI ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी पर हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल सीलिंग (उड़ान की ऊंचाई) को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर करने की सिफारिश करने का आरोप लगाया है, जिससे अगस्ता वेस्टलैंड दौड़ में शामिल हो गया था।
CBI का आरोप है कि एयरफोर्स ने बदलावों का कड़ा विरोध किया था, लेकिन जब त्यागी चीफ बने तो उन्होंने इसकी सिफारिश की। CBI के मुताबिक, यह फिनमेकेनिका और अगस्ता वेस्टलैंड के अधिकारियों के इशारे पर किया गया था, जिन्होंने 3 बिचौलियों, क्रिश्चियन मिशेल, गुइडो हाश्के और कार्लोस गेरोसा की सेवाएं ली थीं। इन बिचौलियों ने त्यागी, उनके चचेरे भाई राजीव, संदीप और जूली को कथित रूप से रिश्वत दी थी। मामले में पहली चार्जशीट सितंबर 2017 में पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी और अन्य के खिलाफ दायर की गई थी। इसके बाद सितंबर 2020 में मिशेल और अन्य के खिलाफ एक और चार्जशीट दायर की गई।
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