Agnipath Scheme: सेना में नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' को लेकर आज सुप्रीम में सुनवाई शुरू हो रही है। इस योजना को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने इस नई योजना पर फिलहाल के लिए रोक लगाते हुए इसकी समीक्षा करने की मांग की है। वहीं केंद्र सरकार ने भी अपना पक्ष सुने जाने की मांग की है।
अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगाई गई हैं। ये याचिकाएं मनोहर लाल शर्मा, हर्ष अजय सिंह और रवींद्र सिंह शेखावत की तरफ से अलग-अलग दायर की गई हैं। इसमें कहा गया है कि ऐसे लोगों पर अग्निपथ योजना लागू नहीं की जानी चाहिए, जो पहले से ही सैन्य बलों की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। उन्हें 4 साल की बजाए पुराने हिसाब से सर्विस मिलनी चाहिए। इन सभी याचिकाओं में अग्निपथ योजना को देश के खिलाफ बताते हुए गलत तरीके से लागू किए जाने की बात कही गई है। मनोहर शर्मा के द्वारा लगाई गई याचिका में इस योजना को रद्द करने की मांग की है। वहीं हर्ष अजय सिंह की याचिका में योजना की समीक्षा करने की गुजारिश करते हुए फिलहाल के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की है।
तीन जजों के बेंच करेगी सुनवाई
आज सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और ए एस बोपन्ना की 3 सदस्यीय बेंच के सामने सुनवाई के लिए लगा हुआ है। अग्निपथ के खिलाफ अलग-अलग दाखिल याचिकाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से भी कैविएट दाखिल किया जा चुका है। ऐसे में बिना सरकार के पक्ष को सुने मामले में कोर्ट की तरफ से फैसला नहीं आ सकता है। अब इस मामले में एकतरफा आदेश नहीं आएगा, बल्कि दोनों ही पक्ष अपनी बातों को रखेंगे।
अब अग्निपथ योजना से ही होगी सेना में भर्ती
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने, ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने बाद में 2022 के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।
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