Agnipath Scheme Protest: यूपी-बिहार समेत कई राज्यों में पहुंची 'अग्निपथ' हिंसा की आग, कई शहरों में फूंकी गई रेलवे की संपत्ति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन आक्रोशित युवाओं ने ईंट-पत्थर, लाठियां लिए हुए कई जगह रेलवे परिसर में बवाल मचाया और विभिन्न शहरों, कस्बों में राजमार्गों को अवरूद्ध कर दिया।
Highlights
- अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन तेज
- रद्द करनी पड़ी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें, 190 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
- बलिया में इसका असर तेज, प्रदर्शनकारियों ने अग्निपथ के विरोध में फूंक दी ट्रेन
Agnipath Scheme Protest: सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के तहत तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों तथा रेलवे लाइन को अवरूद्ध कर दिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन आक्रोशित युवाओं ने ईंट-पत्थर, लाठियां लिए हुए कई जगह रेलवे परिसर में बवाल मचाया और विभिन्न शहरों, कस्बों में राजमार्गों को अवरूद्ध कर दिया।
300 ट्रेन का परिचालन प्रभावित, 200 से ज्यादा ट्रेन रद्द की जा चुकी
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 300 ट्रेन का परिचालन प्रभावित हुआ और अब तक 200 से ज्यादा ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी अब तक सात ट्रेनों के डिब्बों को आग लगा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) जोन में तीन चलती ट्रेनों के डिब्बों और उसी जोन के कुल्हरिया में एक खाली बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बलिया में धुलाई के लिये कतार में खड़ी एक ट्रेन की एक बोगी को भी नुकसान पहुंचाया गया। ईसीआर जोन में अब तक 64 ट्रेन को गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है। उत्तर प्रदेश से लेकर तेलंगाना और बिहार से लेकर मध्य प्रदेश तक, देश के विभिन्न हिस्सों में आक्रोशित युवाओं की भीड़ ने ईंट-पत्थर फेंके।
2022 के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष
वहीं, राजनाथ सिंह, अमित शाह और थल सेना प्रमुख ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन थोड़ी ही सफलता मिली। थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 2022 के लिए आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने का का निर्णय उन युवाओं को अवसर प्रदान करेगा, जो सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा नहीं कर पाए। गृह मंत्री शाह ने कहा कि रक्षा सेवाओं में भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना में शामिल होने की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ाने के केंद्र के फैसले से बड़ी संख्या में युवाओं को फायदा होगा। शाह ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण पिछले दो साल में सेना में भर्ती की प्रक्रिया बाधित हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं की चिंता करते हुए एक संवेदनशील फैसला किया है।
राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘युवाओं के भविष्य के प्रति उनकी चिंता और संवेदनशीलता के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि सेना में भर्ती की प्रक्रिया कुछ ही दिनों में प्रारम्भ होने जा रही है। वे इसके लिए अपनी तैयारी शुरू करें।’’ हालांकि विरोध प्रदर्शन फैलता गया, जो कि अनियंत्रित प्रतीत होता है। गुस्सायी भीड़ ने पटरी और राजमार्गों पर प्रदर्शन करने के अलावा ट्रेन और बसों पर पथराव किया, रेलवे स्टेशन पर कियॉस्क उखाड़ दिए तथा सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की। सिकंदराबाद और बिहार के लखीसराय, समस्तीपुर में ट्रेन की खिड़कियों से आग की लपटें निकल रही थीं, जिससे आसमान में काले धुएं के घने बादल फैल गए जो कई किलोमीटर दूर से देखे जा सकते थे।
डिप्टी CM के घर पर प्रदर्शनकारियों का हमला
देश भर के कई रेलवे स्टेशन पर भीड़ ने पथराव करते हुए तोड़फोड़ की। दंगा रोधी उपकरणों से लैस पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों का पीछा करते देखा गया जिनमें से सैकड़ों को पकड़ा गया। प्रदर्शनकारियों ने बक्सर, भागलपुर और समस्तीपुर में कई स्थानों पर टायर जलाकर राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। रेलवे की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के अलावा पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया।
उत्तर प्रदेश के बलिया में युवाओं ने ‘‘भारत माता की जय’’ और ‘‘अग्निपथ वापस लो’’ जैसे नारे लगाए तथा एक खाली ट्रेन में आग लगा दी एवं कुछ अन्य ट्रेन में तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। वाराणसी, फिरोजाबाद और अमेठी में भी विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे सरकारी बसों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री और बलिया विधायक दया शंकर सिंह के छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि अनियंत्रित तत्वों ने मंत्री के कैंप कार्यालय पर पथराव किया और कार्यालय के गेट पर लगे एक होर्डिंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
फरीदाबाद के बल्लभगढ़ इलाके में मोबाइल इंटरनेट और SMS सेवाओं पर 24 घंटे के लिए रोक
मध्य प्रदेश के इंदौर, हरियाणा के नरवाना और पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं ने सड़कों पर टायर जलाए और कुछ युवा नरवाना में रेल पटरी पर बैठ गए तथा जींद-बठिंडा रेल मार्ग को अवरुद्ध किया। पलवल में हिंसक विरोध के बाद, हरियाणा सरकार ने एहतियात के तौर पर फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ इलाके में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को 24 घंटे के लिए रोक दिया है। हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद और झज्जर में भी विरोध प्रदर्शन हुए। राष्ट्रीय राजधानी में अपेक्षाकृत शांति रही लेकिन वाम-संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों के प्रदर्शनों के बाद मेट्रो यात्रा प्रभावित हुई। दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद करने पड़े।