Agnipath Sceme: भारतीय किसान यूनियन एक बार फिर से आंदोलन मोड में आने वाला है। कृषि कानूनों को जब केंद्र सरकार ने वापस लिया था, तब इसको वापस कराने का सबसे ज्यादा श्रेय इसी संगठन और इस संगठन के नेता राकेश टिकैत को ही मिला था। अब देशभर में 'अग्निपथ' स्कीम को लेकर बवाल चल रहा है। इसके विरोध में आंदोलन करने की घोषणा अब राकेश टिकैत ने भी कर दी है। उनके नेतृत्व में इस आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले 30 जून को भकियू यूपी और अलग-अलग राज्यों में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। उसके बाद भकियू बड़े आंदोलन की तैयारी में है।
महाकुम्भ में बनी रणनीति
अभी हाल ही में हरिद्वार में भारतीय किसान यूनियन का 3 दिवसीय किसान महाकुम्भ का समापन 18 जून को हुआ। इसमें किसानों से जुड़ी मांगों को को लेकर 21 सूत्रीय प्रस्ताव पास किए गए। इसमें MSP गांरटी कानून बनाने और केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच मौजूद गतिरोध को वार्ता के माध्यम से समाप्त करने, खेती के लिए फ्री बिजली, बिजली मीटर वापसी, किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी, गन्ने का बकाया भुगतान कराने, छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने, खेती को विश्व व्यापार संगठन (WTO) की नीतियों से अलग रखने, पहाड़ी राज्यों के लिए अलग से हिल पॉलिसी बनाने समेत केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध प्रमुख प्रस्ताव रहे।
30 जून से सड़कों पर उतरेगी किसान यूनियन
इसी महाकुम्भ में अग्निपथ योजना का विरोध करने का निर्णय लिया गया। संगठन द्वारा 30 जून को अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि, "हमें अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी। हम सभी एकजुट होकर अपनी लड़ाई को अंजाम दें। देश में विपक्ष नहीं बचा है, सीधे किसानों को अपने हक की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरकर अपनी मांग मनावने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अपने हकों के लिए किसान, मजदूर और नौजवान जाग उठा है। हमारे हकों की अनदेखी करना सरकारों के लिए आसान नहीं होगा। हम नौजवानों के साथ हैं।"
इस बार युवाओं को साथ
राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के बाद एक हाई प्रोफाइल हस्ती बन चुके हैं। इस बार अग्निपथ योजना में वह किसानों के बेटों को उनके हकों को दिलाने की बात कहकर युवाओं को साधने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं आंदोलन की घोषणा के बाद पश्चिमी यूपी के जिलों में पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। खुफिया विभाग भी भाकियू की आगे की रणनीति का इनपुट जुटाने के लिए लगा हुआ है।
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