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Hindi News भारत राष्ट्रीय Agnipath Sceme: अग्निपथ स्कीम पर कोई भी फैसला सुनाने से पहले सुना जाए सरकार का पक्ष - सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर केंद्र

Agnipath Sceme: अग्निपथ स्कीम पर कोई भी फैसला सुनाने से पहले सुना जाए सरकार का पक्ष - सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर केंद्र

Agnipath Sceme: याचिका में कहा गया है कि यह योजना 24 जून से लागू की जानी है और चार साल की अवधि के लिए नौकरी के प्रावधान एवं ‘‘प्रशिक्षित अग्निवीरों के भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं’’ के कारण अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में प्रदर्शन हुए हैं।

Supreme Court- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Supreme Court

Highlights

  • कोर्ट में दाखिल हैं योजना के खिलाफ कई याचिकाएं
  • एक याचिका में की गई है कई सुधारों की मांग
  • वहीं एक याचिका अग्निपथ स्कीम को रद्द करने के लिए लगाई गई

Agnipath Sceme: अग्निपथ स्कीम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर होने के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक 'कैविएट याचिका' दायर की है। जिसमें सरकार ने अपील की है है कि  ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अदालत द्वारा कोई भी आदेश पारित किए जाने से पहले इस पर सुनवाई की जाए। 

आपको बता दें कि अग्निपथ योजना 14 जून को घोषित की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को संविदा के आधार पर चार वर्ष के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती करने का प्रावधान है। चार साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित की जाएगी। इस योजना के खिलाफ देश के कई राज्यों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। 

याचिका में एक समीति गठित करने की मांग 

सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया। इस बीच, उच्चतम न्यायालय में सोमवार को दायर एक याचिका में ‘अग्निपथ’ योजना पर पुनर्विचार करने के संबंध में केंद्र को निर्देश देने का आग्रह किया गया है। वकील हर्ष अजय सिंह द्वारा दायर याचिका में सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा मंत्रालय को जानकारी मुहैया कराने के लिए एक समिति के गठन का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में रिटायरमेंट के बाद 75% अग्निवीरों को नौकरी के मौके देने के मकसद से योजना में बदलाव के लिए रिटायर सैन्य अधिकारियों से सुझाव लेने का भी आग्रह किया गया है। 

स्कीम में कई कमियां, इसे लागू न किया जाए - वकील  

वहीं वकील कुमुद लता दास के जरिये दायर याचिका में कहा गया है कि यह योजना 24 जून से लागू की जानी है और चार साल की अवधि के लिए नौकरी के प्रावधान एवं ‘‘प्रशिक्षित अग्निवीरों के भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं’’ के कारण अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में प्रदर्शन हुए हैं। 

इसमें कहा गया है, ‘‘इसमें कई कमियां हैं और चर्चा करके इसे बेहतर सुधार के रूप में लागू किया जाना चाहिए था।’’ याचिका में दावा किया गया है कि इस योजना के तहत ट्रेंड अग्निवीरों के भटक जाने की बहुत संभावना है। याचिकाकर्ता ने योजना को लागू करने पर रोक लगाए जाने की मांग की है। आपको बता दें कि इसी मामले में शीर्ष अदालत में पहले भी दो याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। 

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