Agnipath Recruitment: अग्निपथ भर्ती योजना जब से आई है, तभी से इसको लेकर तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं। हालांकि सेना ने साफ किया था कि किसी भी व्यक्ति को इस योजना पर आशंका पालने की जरूरत नहीं है। लेकिन ताजा मामला पंजाब से सामने आया है। सेना का कहना है कि पंजाब के जालंधर में स्थानीय प्रशासन का सहयोग न मिलने के चलते अग्निपथ भर्ती रैली रद्द की जा सकती है।
सेना के जोनल भर्ती अधिकारी ने स्थानीय प्रशासन का सहयोग न मिलने का हवाला देते हुए पंजाब सरकार के मुख्यसचिव को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में सेना ने कहा है कि भर्ती रैलियों को या तो स्थगित किया जा सकता है या पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है।
जालंधर के जोनल भर्ती अधिकारी, मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह ने 8 सितंबर को यह पत्र पंजाब के मुख्य सचिव वी के जंजुआ और कुमार राहुल, प्रमुख सचिव, रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण को लिखा है। बता दें कि भर्ती रैली आयोजित करने के लिए सेना को पुलिस, चिकित्सा सुविधा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन की मदद की जरूरत होती है।
अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष करता रहा है हंगामा
बता दें कि कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'अग्निपथ' योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था। बता दें कि भारतीय वायुसेना में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती के लिए 24 जुलाई से परीक्षा शुरू हुई थी। इस बीच, राहुल गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रयोगशाला के इस नए प्रयोग के चलते देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य खतरे में है।
राहुल ने ट्वीट किया था, "60,000 सैनिक हर साल रिटायर होते हैं, उनमें से सिर्फ 3000 को सरकारी नौकरी मिल रही है। 4 साल के ठेके पर हजारों की संख्या में रिटायर होने वाले अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा? प्रधानमंत्री की प्रयोगशाला के इस नए Experiment से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य दोनों खतरे में है।"
युवाओं को हर साल सेना में शामिल किया जाएगा
अग्निपथ योजना के तहत आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में जवानों की भर्तियां होनी हैं। इस योजना के तहत 40 से 45 हजार युवाओं को हर साल सेना में शामिल किया जाएगा। इनका कार्यकाल 4 साल होगा और इनकी रैंकिंग अलग होगी। इसके तहत सेना में भर्ती होने वाले युवा अग्निवीर कहलाएंगे।
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