केंद्र सरकार ने जीका वायरस को लेकर सभी राज्यों को किया अलर्ट, मिले हैं महाराष्ट्र में केस
महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले पाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सचेत किया है। साथ ही सलाह दी है कि गर्भवती महिलाओं की नियमित व सही ढंग से जांच करें।
केंद्र सरकार ने आज बुधवार को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है। ये एडवाइजरी हाल में महाराष्ट्र में पाए गए जीका वायरस को लेकर जारी की गई है। सरकार ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वे अपने यहां प्रेग्नेंट महिलाओं में इस वायरल की जांच के जरिए निरंतर निगरानी बनाए रखें। केंद्र ने राज्यों को यह भी सलाह दी है कि वे गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की जांच करके और जीका के लिए पॉजिटिव टेस्ट पाए जाने वाली गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के विकास पर निगरानी भी निरंतर बनाए रखें।
डाक्टरों को निगरानी के लिए अलर्ट
स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा, "चूंकि जीका प्रभावित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफली और न्यूरोलॉजिकल परिणामों से जुड़ा हुआ है, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे डाक्टरों को निगरानी के लिए अलर्ट करें। राज्यों से आग्रह किया जाता है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं या प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले मामलों को संभालने वाले लोगों को निर्देश दें कि वे जीका वायरस के संक्रमण के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करें, जीका के लिए पॉजिटिव पाए जाने वाली गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की भी निगरानी करें।"
सभी जगह करें निगरानी
मंत्रालय ने एडवाइजरी में आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कीट विज्ञान निगरानी (entomological surveillance) को मजबूत करने और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों (vector control activities) को तेज करने के महत्व पर भी जोर दिया है। वायरस का समय पर पता लगाने और नियंत्रण के लिए, राज्य प्राधिकारियों को सतर्क रहने, तैयार रहने और सभी स्तरों पर उपयुक्त रसद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
जागरूकता बढ़ाने के लिए जोर
एडवाइजरी में कहा गया, "राज्यों से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे समाज के बीच डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती आईईसी संदेशों (IEC messages) के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें, क्योंकि जीका किसी भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह है, जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं। हालाँकि, इसे माइक्रोसेफली से जुड़ा हुआ बताया जाता है, लेकिन 2016 के बाद से देश में जीका से जुड़े माइक्रोसेफली की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।"
क्या है जीका वायरस?
जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर की वजह से होने वाली वायरल बीमारी है। यह एक गैर-घातक बीमारी है। हालाँकि, जीका से प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) होता है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है।
मिले हैं 8 केस
भारत में 2016 में गुजरात से पहला जीका मामला सामने आया था। तब से, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं। इस साल (2024) 2 जुलाई तक महाराष्ट्र में 8 मामले सामने आए हैं, जिनमें पुणे से 6, कोल्हापुर और संगमनेर से एक-एक मामले शामिल हैं।
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