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Hindi News भारत राष्ट्रीय Aditya L1 Live Telecast: इस लिंक के जरिए देखें आदित्य एल1 का लाइव प्रसारण, भारत के लिए बेहद अहम है यह मिशन

Aditya L1 Live Telecast: इस लिंक के जरिए देखें आदित्य एल1 का लाइव प्रसारण, भारत के लिए बेहद अहम है यह मिशन

चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो आज सूर्ययान आदित्य एल1 को लॉन्च करने वजा रहा है। आदित्य एल1 को 2 सितंबर की सुबह 11.50 बजे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि दिए गए लिंक के जरिए इस लॉन्च का लाइव प्रसारण आप देख सकते हैं।

Aditya L1 Live Telecast Watch live broadcast of Aditya L1 through this link this mission is very imp- India TV Hindi Image Source : ISRO आदित्य एल1 का लाइव प्रसारण

Aditya L1 Live Telecast: मिशन चंद्रयान 3 की सफलता के बाद आज भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज आदित्य एल 1 (Aditya-L1 Launch) को लॉन्च करने वाला है। 2 सितंबर की सुबह 11.50 बजे श्रीहरीकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से आदित्य एल 1 को लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि आदित्य एल 1 को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में 128 दिन का समय लगेगा और इसके लिए आदित्य एल 1 को काफी लंबा सफर करना होगा। बता दें कि इस लॉन्चिंग को देखने के लिए स्पेस सेंटर पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचेंगे। वहीं इस लॉन्चिंग को आप घर बैठे हुए ऑनलाइन भी देख सकते हैं। 

इस लिंक के जरिए देखें लाइव टेलीकास्ट

आदित्य एल 1 की लॉन्चिंग को घर बैठे भी देखा जा सकता है। इसरो आदित्य एल1 की लॉन्चिंग का लाइव प्रसारण अपने अधिकारिक यूट्यूब चैनल पर करेगा। इस लिंक- https://www.youtube.com/watch?v=_IcgGYZTXQw के माध्यम से आप घर बैठे अपने फोन पर इस लॉन्चिंग को देख सकते हैं। बता दें कि भारतीय स्पेस प्रोग्राम में आदित्य एल1 नया आयाम जोड़ेगा। चंद्रयान 3 की सफलता के बाद दुनियाभर की निगाहें आदित्य एल1 की लॉन्चिंग पर टिकी हुई हैं। आदित्य एल1 मिशन का सबसे महत्वपूर्ण टूल है 'सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप’ (SUIT) है जिसे पुणे के इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) ने तैयार किया है।

बेहद अहम है यह मिशन

आईयूसीएए के वैज्ञानिक और मुख्य इंवेस्टिगेटर प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी ने पीटीआई भाषा से बात करते हुए बताया कि इसरो का सूर्य मिशन आदित्य एल 1 है जो धरती से सूरज की तरफ 15 लाख किलोमीटर तक का सफर कर जाएगा और सूरज का अध्ययन करेगा। बता दें कि यहां सूर्ययान सूर्य के तापमान और वहां होने वाले सभी बदलावों का अध्ययन करेगा। इस अध्ययन के आधार पर ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकेगी जिससे धरती को होने वाले नुकसान के बारे में पहले से ही अलर्ट किया जा सके। बता दें कि इस मिशन से भारत को काफी उम्मीदें हैं।

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