Aditya L1 Launch: सूर्य भी अब दूर नहीं! चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने लॉन्च किया आदित्य एल 1, जानें पूरी डिटेल्स
ISRO ने सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य एल 1 को लॉन्च कर दिया है। ये भारत के लिए ऐतिहासिल पल है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये पहला भारत का मिशन है।
नई दिल्ली: चंद्रयान-3 की सफलता से उत्साहित ISRO अब सूर्य मिशन में सफलता पाने के लिए जुट गया है। ISRO ने सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य एल 1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई है। इस मिशन में 7 पेलोड लगे हैं, जिसमें से 6 भारत में बने हैं। आदित्य एल 1 करीब 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये भारत का पहला मिशन है। मिली जानकारी के मुताबिक, आदित्य एल 1 को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में 128 दिन का समय लगेगा। इस मिशन को ISRO के सबसे भरोसेमंद PSLV रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया है। वैसे तो अभी तक अमेरिका समेत कई देशों ने सूर्य के अध्ययन के लिए सैटेलाइट भेजे हैं, लेकिन इसरो का आदित्य एल वन अपने आप में अनोखा है।
चारों चरण सफल, पीएम मोदी ने दी बधाई
आदित्य एल 1 मिशन के चारों चरण सफल हो गए हैं। इसे भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है। पीएम मोदी ने इस मिशन को लेकर इसरो को बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।'
क्या करेगा आदित्य एल 1?
ISRO का आदित्य L1 पहला सूर्य मिशन है, जो L1 प्वाइंट तक जाएगा। पृथ्वी से इस जगह की दूरी 15 लाख किलोमीटर है। आदित्य एल 1 सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा और यहां 5 साल 2 महीने तक रहेगा। इस काम में 378 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
गौरतलब है कि सूरज पृथ्वी के सबसे नजदीक का स्टार है। अन्य स्टार के मुकाबले सूरज की स्टडी संभव है। इस मिशन के बाद आकाशगंगा के बाकी तारों की स्टडी हो सकेगी और दूसरी गैलेक्सी के स्टार्स की जानकारी संभव है। सूरज की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है और इसका तापमान 10 से 20 लाख डिग्री सेल्सियस है। इसकी उम्र 4.5 अरब साल है।
ISRO चीफ के साथ वैज्ञानिकों की पूरी टीम ने तिरुपति में पूजा की
आदित्य L-1 मिशन की लॉन्चिंग से पहले ISRO चीफ एस सोमनाथ के साथ वैज्ञानिकों की पूरी टीम तिरुपति पहुंची थी और तिरूपति बालाजी मंदिर में मिशन की सफलता के लिए उन्होंने प्रार्थना की थी। इसके पहले इसरो की टीम ने आदित्य मिशन की सफलता के लिए आंध्र प्रदेश के चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में भी विशेष पूजा की थी। मिशन चंद्रयान की तरह इसरो के मिशन सूर्ययान को लेकर भी पूरे देश में उत्साह दिख रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आदित्य एलवन मिशन की कामयाबी के लिए पूजा-अर्चना की जा रही है।
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