'उसे गोली मार दो' दिल्ली एसिड अटैक पर गुस्से में जनता, जानें क्या है इस अपराध से जुड़ा कानून
Delhi Acid Attack: कानून तौर पर देखें तो ऐसे अपराध के लिए आईपीसी की धारा 326A और 326B के तहत सजा का प्रावधान है। यानि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी पर तेजाब फेंकता है तो उसे कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद हो सकती है।
Delhi Acid Attack: दिल्ली के द्वारका में आज सुबह 7:30 बजे एक स्कूल जा रही छात्रा पर एसिड अटैक किया गया। पीड़ित लड़की की हालात इतनी गंभीर है कि उसे सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। दिल्ली पुलिस का इस मामले पर कहना है कि सुबह के करीब 9 बजे उनके पीसीआर की घंटी बजती है, फोन के दूसरी तरफ से बोल रहा शख़्स कहता है कि द्वारका के पीएस मोहन गार्डन एरिया में एक 17 साल की लड़की पर तेजाब से हमला किया गया है।
इस अटैक को दो बाइक सवार हमलावरों ने सुबह करीब 7:30 पे अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि जब पीड़िता पर हमला हुआ तो वह अपनी छोटी बहन के साथ स्कूल जा रही थी। पीड़िता की छोटी बहन का कहना है कि वह दोनों हमलावरों को जानती है, इसी की बिनाह पर दिल्ली पुलिस ने एक लड़को को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
'तेजाब मेरी बेटी के आंखों में चला गया'
लड़की के पिता इस पूरे मामले पर कहते हैं कि सुबह उनकी छोटी बेटी बदहवास अवस्था में भागती हुई आई और मुझसे कहा कि दीदी पर तेजाब से हमला हुआ है। जिन दोनों लड़कों ने हमला किया, उन्होंने अपना चेहरा ढका हुआ था। पीड़ित लड़की के पिता ने कहा कि यह हमला इतना भयावह था कि तेजाब पूरे चेहरे के साथ मेरी बेटी की दोनों आंखों में चला गया है।
तेजाब पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता?
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस हमले पर कहा, 'देश की राजधानी में दिन दहाड़े एक स्कूली बच्ची पर 2 बदमाश दबंगई से तेजाब फेंक कर निकल जाते हैं। क्या किसी को भी अब कानून का डर है? क्यों तेजाब पर बैन नहीं लगाया जाता? शेम।' वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस मामले पर कहते हैं, 'ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अपराधियों की इतनी हिम्मत आखिर हो कैसे गई? अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। दिल्ली में हर बेटी की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है।'
कानून ऐसे घिनौने अपराध के लिए क्या देता है सजा
ऐसे अपराध के लिए जितनी भी कठोर सजा दी जाए वह कम है। लोग तो सोशल मीडिया पर यहां तक कह रहे हैं कि इन लोगों का एनकाउंटर कर देना चाहिए। कुछ तो कह रहे हैं कि इनके चेहरे पर तेजाब फेंका जाए, तब इनको मालूम होगा इसका दर्द। हालांकि, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां किसी भी अपराध के लिए सजा कानून के हिसाब से ही मिलती है।
कानून तौर पर देखें तो ऐसे अपराध के लिए आईपीसी की धारा 326A और 326B के तहत सजा का प्रावधान है। यानि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी पर तेजाब फेंकता है तो उसे कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद हो सकती है। इसके साथ ही यह गैरजमानती अपराध की श्रेणी में आता है, यानि इस मामले में आरोपियों को कोर्ट से जमानत नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट एसिड अटैक पर कहता है कि अगर किसी पर तेजाब से हमला किया गया है तो उसे कम से कम 3 लाख रुपये मुआवजा देना होगा। मुआवजे के एक लाख तो 15 दिनों के अंदर ही देना होगा। जबकि, बाकी के दो लाख रुपए दो महीने के अंदर देने होंगे।
तेजाब खरीदने और बेचने का क्या नियम है?
तेजाब के खरीद और बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है जिसके अनुसार, 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा। तेजाब खरीदने और बेचने के लिए विक्रेताओं को अलग से एक रजिस्टर रखना होगा। जिसमें खरीदने वाले का पूरा विवरण दर्ज करना होगा। इसके साथ ही बिना पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और वाजिब वजह के तेजाब नहीं दिया जाएगा।
मेडिकल और शिक्षा के उद्देश्य से थोक में तेजाब खरीदने से पहले SDM से आदेश लेना जरूरी होगा। इसके साथ ही एसडीएम इतनी बड़ी मात्रा में एसिड के इस्तेमाल की निगरानी भी करेंगे। अगर कोई तेजाब को लेकर दिए गए निर्देशों का सही से पालन नहीं किया तो पचास हजार का जुर्माना ठोंका जाएगा। तेजाब को लेकर तमाम निर्देशों पर स्थानीय भाषा में विज्ञापन देने का भी आदेश है।