नयी दिल्ली: अब केंद्र सरकार और एक साल से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों के बीच प्रदर्शन खत्म करने को लेकर सहमति बनती दिख रही है। कृषि कानून की वापसी के बाद किसान अपनी अन्य मांगों को लेकर भी धरना स्थल पर डटे हुए हैं। केंद्र ने किसानों की मांग को मान लिया है और एक नया प्रस्ताव संगठनों को भेजा गया है। माना जा रहा है कि गुरुवार को किसान संगठन आंदोलन खत्म करने को लेकर औपचारिक ऐलान कर सकते हैं।
किसानों और सरकार के बीच बनी सहमति
केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को किसानों ने स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) आज दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को खत्म करने की घोषणा कर सकता है। दरअसल, सरकार से किसानों की मांग थी कि प्रदर्शन के दौरान दर्ज हुए मामले रद्द किए जाएं, जिस पर केंद्र राजी हो गया है। किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर रद्द करने की बात सरकार ने मान ली है। एमएसपी पर कानूनी गारंटी भी किसानों की मांग है।
आज फिर बैठक, आंदोलन हो सकता खत्म
किसान ने पांच सदस्यों वाली एक कमेटी बनाई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को बैठक के बाद ऐलान किया कि सरकार के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को दोपहर 12 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की एक और बैठक होगी। इसमें औपचारिक फैसला लिया जाएगा।
SKM कोर समिति की बैठक के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ‘अपनी मांगों को लेकर हम सरकार से सहमत हैं। गुरुवार की बैठक के बाद हम आंदोलन को स्थगित करने पर फैसला लेंगे। आंदोलन वापस लेने के संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।’ किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एसकेएम ने अपने एक बयान में ये भी जानकारी दी कि किसानों की मांग के संबंध में केन्द्र सरकार के मसौदे पर सहमति बन गई है।
एसकेएम ने कहा, ‘सरकार के ताजा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है। अब सरकार के लेटरहेड पर औपचारिक संवाद का इंतजार है। एसकेएम की गुरुवार दोपहर 12 बजे फिर से सिंघू बॉर्डर पर बैठक होगी, उसके बाद मोर्चा उठाने के संबंध में औपचारिक फैसला लिया जाएगा।"
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