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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'आप की अदालत' में रजत शर्मा से बोलीं साध्‍वी ऋतंभरा, 'काशी, मथुरा के मंदिर सौहार्द से दे दो, हम 30 हजार मंदिर नहीं मांगेंगे'

'आप की अदालत' में रजत शर्मा से बोलीं साध्‍वी ऋतंभरा, 'काशी, मथुरा के मंदिर सौहार्द से दे दो, हम 30 हजार मंदिर नहीं मांगेंगे'

Aap Ki Adalat Sadhvi Rithambara: साध्वी ऋतंभरा ने आप की अदालत के नए एपिसोड में रजत शर्मा के एक सवाल के जवाब में कहा कि काशी, मथुरा के मंदिर हमें सौहार्द से दे दें, हम बाकी के 30 हजार मंदिर नहीं मांगेंगे।

Aap Ki Adalat, Sadhvi Ritambhara, Rajat Sharma - India TV Hindi Image Source : INDIA TV 'आप की अदालत ' में साध्‍वी ऋतंभरा

Aap Ki Adalat Sadhvi Rithambara :  रामजन्मभूमि आंदोलन की फायरब्रांड नेता साध्वी ऋतंभरा ने मुस्लिम समुदाय से काशी का ज्ञानवापी और मथुरा कृष्ण जन्मस्थान मंदिरों को सौहार्दपूर्वक देने की अपील की है और बदले में, उन्होंने कहा, 'फिर हम 30 हजार अन्य मंदिरों की वापसी की बात नहीं करेंगे।' शनिवार रात इंडिया टीवी पर प्रसारित  शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए साध्वी ने यह अपील की। उनका यह जवाब उस सवाल के संदर्भ में आया जिसमें AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी द्वारा मुस्लिम युवाओं से वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की रक्षा के लिए आगे आने की अपील की गई थी।  

'गवाहियां दे रहे हैं पत्थर , खुद कह रहे हैं अपनी कहानी'

साध्वी ऋतंभरा ने जवाब दिया, 'वह तो हम पहले से ही मांग रहे हैं, और फिर वहां तो व्यक्ति गवाही नहीं देगा। पत्थर गवाहियां दे रहे हैं। वह अपनी कहानी स्वयं कह रहे हैं। इस सत्य को अगर स्वीकार कर लें और वह सौहार्द से हिंदू समाज को वापस दे दें तो फिर हम 30 हजार (मंदिरों) की बात नहीं करेंगे। पर ऐसा तो नहीं हो रहा ना? उस सत्य को झुठलाने की कोशिशें हो रही हैं और हिंदू समाज का धैर्य देखो। आप सोचो जरा, हमारी कृष्ण जन्मभूमि और हमारे बाबा विश्वनाथ.. ये तीनों स्थान मांगे थे। हमने ज्यादा की बात ही नहीं की। लेकिन उसके लिए भी संघर्ष करना पड़ा और कोर्ट की पूरी प्रक्रियाओं से गुजरकर निष्पक्ष निर्णय जब आया तब हमें वहां (अयोध्या) मंदिर बनाने का आदेश मिला। तब हमने इस पहल को किया है।' 

बहुसंख्यक समाज के धैर्य की कभी तो प्रशंसा करो

साध्वी ने आगे कहा, ' आप कभी तो ऐसे सोचो, इतने बड़े बहुसंख्यक समाज के धैर्य की कभी तो प्रशंसा करो। कभी तो सोचो और आप देखो उस ढांचे (बाबरी) को छेड़ा नहीं भारतीयों ने ...राम चबूतरा बनाकर अपने राम जी की अर्चना वंदना करता रहा भारतीय समाज ...लाखों की संख्या में उसी जगह जाकर परिक्रमा करता रहा। हमने कभी अनाधिकार चेष्टा नहीं की है। सारा संसार जानता है हिंदू समाज के स्वभाव को, लेकिन उसके सौहार्द को, उसकी करुणा को, कायरता समझ लेना.. यह भूल है। यह अच्छा नहीं है।' 

यह पूछे जाने पर कि क्या मथुरा और काशी मंदिरों के लिए अयोध्या जैसा आंदोलन होगा, साध्वी ऋतंभरा ने जवाब दिया: ' नहीं, उसकी जरूरत ही नहीं है। आंदोलन हमें अयोध्या के लिए करना पड़ा। क्योंकि साक्ष्य भूमि के अंदर दबे थे। काशी विश्वनाथ के तो नंदी, उधर को मुंह करके कह रहे हैं। भले ही बढ़िया कॉरिडोर (वाराणसी) बना लो पर भोले बाबा वहीं बैठे हैं। इसलिए वो गवाही दे रहे हैं। '

समान नागरिक संहिता एवं जनसंख्या नियंत्रण कानून

साध्वी ने मांग की कि अगर केंद्र जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) में "संतुलन" लाना चाहता है तो उसे सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना चाहिए और समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए, अन्यथा प्रत्येक हिंदू को चार संतान पैदा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। 

यह पूछे जाने पर कि आपने अभी कुछ समय पहले बयान दिया था कि एक-एक हिंदू को चार बच्चे पैदा करने चाहिए तो क्या ऐसा बयान देना ठीक है? साध्वी ऋतंभरा ने जवाब दिया: 'हां, बिल्कुल ठीक है। अगर जब तक समान नागरिक संहिता लागू नहीं हो जाती... अगर जनसंख्या का असंतुलन इस देश में होता गया तो क्या होने वाला है? और हम वह भारतीय हैं जो 35 साल से पहले ब्याह नहीं करते और आठ साल बालकों को जन्म नहीं देते तो फिर हमारी परंपरा का संवाहक कौन होगा? मेरे उस बयान को आधा बताया गया। मैंने पहले कहा था जनसंख्या पर कानून लाओ और अगर नहीं लाते हो तो फिर हिंदू भी 4 बच्चों को जन्म दें।'

रजत शर्मा : देखिए, यह बात तो मुस्लिम विरोधी है। आपको लगता है कि मुसलमानों में ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं तो हिंदुओं को भी ऐसा करना चाहिए?

साध्वी ऋतंभरा : 'निश्चित रूप से जनसंख्या का संतुलन होगा। क्या हुआ था कश्मीर में? कितने अपमानित होकर हमें निकलना पड़ा.. अपने इतने घरों को, इतने व्यापारों को छोड़कर? आज भी कहां-कहां लोग भटके हुए हैं? कहां कहां लोग निराश्रित होकर भटके,  आश्रय जहां लिया वहां भी सांप बिच्छुओं से वह डंसे गए। किस कारण हुआ? इसी कारण तो हुआ। इसलिए इस सत्य को नकारा नहीं जा सकता। और दूसरी बात यह है कि हम अपनी परंपरा के संवाहकों को क्यों नहीं जन्म देंगे? या तो फिर इस देश में समान नागरिक संहिता लागू हो और जनसंख्या पर कानून बने, नहीं तो फिर यह होना चाहिए। यह मैंने कहा था।'

रजत शर्मा : आपको लगता है कि मोदी जी ने जो कुछ मेनिफेस्टो में कहा था.. राम मंदिर बना दिया, धारा 370 हटा दी, अब अगला नंबर समान नागरिक संहिता का है?

साध्वी ऋतंभरा : 'निश्चित रूप से हम तो यह आशा करते हैं। हम तो यह आशा करते हैं इस देश से मंदिरों को मुक्त करो। इस देश के अंदर परंपराएं आपके माध्यम से मुक्त हों। इस राष्ट्र के अंदर कोई भी भय किसी तरह का रह ना जाए, जाति धर्म को देखकर व्यवहार ना हो, सबके साथ एक जैसा व्यवहार हो, समान नागरिक संहिता लागू हो और अभी नहीं करोगे तो 2024 में तो हम आपको दोबारा प्रधानमंत्री बनाएंगे तब फिर बाकी अधूरे काम कर दीजिएगा।'

जनता कांग्रेस को नकार देगी

साध्वी ऋतंभरा ने खुलासा किया कि एक बार उन्हें अमेठी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनका राजनीति में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमें राजनीति की दिशा बदलना पसंद है, राजनीति में शामिल होना नहीं।'

जब रजत शर्मा ने उनसे कहा कि सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेता अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा रहे हैं, उनको भी आप कुछ कहेंगी? इसपर साध्वी ऋतंभरा ने कहा,'जो मेरे राम जी के निमंत्रण को ठुकराएंगे भारत की जनता उन्हें  ठुकरा देगी और ठुकरा दिया।' यह पूछे जाने पर कि क्या अगला चुनाव मोदी जी जीतेंगे , क्या वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे? साध्वी ऋतंभरा ने कहा,'निश्चित रूप से इसमें तो कोई संशय नहीं है, देश की गारंटी मोदी जी हैं, 2024 भी उनका ही है।'

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