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Hindi News भारत राष्ट्रीय आप की अदालत: पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत क्या है? प्रशांत किशोर ने बताया

आप की अदालत: पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत क्या है? प्रशांत किशोर ने बताया

आप की अदालत में प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी की ताकत के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत ये नहीं है कि वो सबसे बड़े वक्ता हैं। इस दौरान पीके ने ये भी कहा कि पीएम को अलग-अलग तरह का अनुभव रहा है।

Prashant Kishore - India TV Hindi Image Source : INDIA TV प्रशांत किशोर

नई दिल्ली: आप की अदालत में प्रशांत किशोर ने बताया कि पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत क्या है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ताकत ये नहीं है कि वो सबसे बड़े वक्ता हैं, या उनके पीछे हिन्दुत्ववादी शक्तियों का समर्थन है। उनकी सबसे बड़ी ताकत है, उनका 45 साल का अनुभव। जिसमें पहले 15 साल वो संघ के प्रचारक के रूप में समाज से जुड़े रहे, अगले 15 साल बीजेपी ऑर्गेनाइजर के रूप में काम किया, और अब 15 साल सीएम और पीएम रहे।

भारत की राजनीति में इतने अलग-अलग अनुभव वाला नेता नहीं: प्रशांत

प्रशांत ने कहा कि भारत की राजनीति में इतना ज्यादा अलग-अलग अनुभवों वाला नेता कोई नहीं है। जो ये कहते हैं कि पीएम मोदी विज्ञापनों के कारण, पब्लिसिटी के कारण या मीडिया पर कंट्रोल के कारण लोकप्रिय हैं, ऐसा नहीं है। पत्रकार आपको बताएंगे कि जनता के साथ जुड़े होने के कारण मोदी 'सेकंड गेस' कर सकते हैं कि जनता उनसे क्या चाहती है। लेकिन आप किसी का मुकाबला तब तक नहीं कर सकते जब तक आप उसकी ताकत का आंकलन नहीं करते। जब तक आप किसी का आंकलन नहीं करेंगे, आप उसे कैसे हरा सकते हैं?

ईडी और सीबीआई पर क्या बोले पीके? 

विपक्ष के इस आरोप पर कि बीजेपी सरकार उसके नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी और CBI का दुरुपयोग कर रही है, प्रशांत किशोर ने कहा,'सब सरकारें एजेंसियों का सदुपयोग या दुरुपयोग करती हैं। लेकिन सब कहते हैं कि एजेंसियां अपना काम करती हैं। ऐसा देश में पहली बार नहीं हो रहा है। किस हद तक कर रहे हैं इसमें अंतर हो सकता है।'

प्रशांत ने कहा, 'अगर आप बीजेपी के समर्थक हैं तो आप कहेंगे कि इंदिरा जी के समय होता था, अब कम हो रहा है। अगर आप कांग्रेस के समर्थक हैं तो कहेंगे कि हमारे जमाने में कम होता था, अब ज्यादा हो रहा है। लेकिन बतौर नागरिक आपको समझना है कि जनता को इन सबसे कोई दिक्कत नहीं है। लोगों को इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि लालूजी पर छापा पड़ गया, अरविंद केजरीवाल पर छापा पड़ा या हेमंत सोरेन पर छापा पड़ा, लेकिन जनता को दिक्कत तब है जब वही हेमंत सोरेन बीजेपी में चले जाएं और छापा रुक जाए। लोगों को उसमें दिक्कत है। यह मोदी जी के दावे के अनुरूप नहीं है। एजेंसियों का सदुपयोग, दुरुपयोग पहले भी होता था और अब भी हो रहा है।'

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