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Hindi News भारत राष्ट्रीय Aap Ki Adalat: सिद्धू मूसेवाला मेरे छोटे भाई जैसे थे, हमने किसी को बचाने का प्रयास नहीं किया, सीएम भगवंत मान ने क्यों कहा ऐसा

Aap Ki Adalat: सिद्धू मूसेवाला मेरे छोटे भाई जैसे थे, हमने किसी को बचाने का प्रयास नहीं किया, सीएम भगवंत मान ने क्यों कहा ऐसा

आप की अदालत शो में आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब देते हुए सिद्धू मूसेवाला को लेकर कहा कि वो मेरे छोटे भाई जैसे थे।

Aap Ki Adalat Sidhu Moosewala was like my younger brother we did not try to save anyone why did CM B- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आप की अदालत में सीएम भगवंत मान

इंडिया टीवी के मशहूर शो आप की अदालत में आज मेहमान बने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान। इस दौरान भगवंत मान ने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दिया। लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर रजत शर्मा ने जब मुख्यमंत्री से सवाल किया तो भगवंत मान ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला मेरे लिए छोटे भाई की तरह थे। वह एक बहुत बड़े आर्टिस्ट थे। उन्होंने लैंग्वेज बैरियर तक पार कर लिया था। जिस दिन उनके यहां घटना हुई, उस दिन भी उनके घर पर 2 गनमैन थे जिन्हें वह अपने साथ लेकर नहीं गए। 

सिद्धू मूसेवाला मेरे भाई की तरह थे

भगवंत मान ने आगे कहा कि सिद्धू मूसेवाला के पास अपनी बनवाई हुई बुलेटप्रूफ गाड़ी थी, उसे भी वो घटना के दिन लेकर नहीं गए। कारण सिर्फ यह नहीं है। मौत किसी की भी हो, दर्दनाक होती है। मूसेवाला की हत्या मामले में हमने 29 गैंगस्टर गिरफ्तार किए हैं, 3 एनकाउंटर में मारे गए हैं। तीन हजार पन्नों की चार्जशीट फाइल की है। हम अपनी तरफ से किसी भी ऐसे शख्स को बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं जो माफिया को राजनीतिक शह देते हैं। हम तो पंजाब की जनता के साथ हैं। उन हत्यारों को किसने पाला हुआ था? वे दूसरी पार्टियों के लोग थे। अब वे सभी माफिया बंद हो गए। 

मुझे पैसे नहीं कमाने हैं...

उन्होंने कहा कि सैंड माफिया, लैंड माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया सब पंजाब में बंद हो गए। इसलिए ये मुझे गाली देते है क्योंकि मुझे तो उनसे पैसे कमाने नहीं हैं। 122 विधायकों और मंत्रियों, जिनमें पूर्व विधायक भी शामिल हैं, की सुरक्षा वापस लेने पर भगवंत मान ने कहा कि "वे सिक्योरिटी गार्ड तो लेते हैं लेकिन उनसे सिक्योरिटी का काम नहीं लेते। अभी भी पंजाब पुलिस के बहुत से लोग हैं, हम उन्हें ढूंढ़ने में लगे हुए हैं। सिक्योरिटी के नाम पर कोई मुर्गियां पालता है, कोई घर का काम करता है, कोई बच्चों को स्कूल छोड़ने जाता है। आखिर इतना खतरा किस बात का है? अगर आप जनता के सेवक हैं, तो जनता में ऐसे ही चले जाएं।"

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