'हिंदू समाज के सौहार्द और करुणा को कायरता समझना भूल', 'आप की अदालत' में बोलीं साध्वी ऋतंभरा
Aap Ki Adalat Sadhvi Ritambhara: आप की अदालत के नए एपिसोड में साध्वी ऋतंभरा ने इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हिंदू समाज के सौहार्द और करुणा को कायरता समझना भूल है।
Aap Ki Adalat Sadhvi Ritambhara: राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ ही अपने ओजस्वी भाषण से जनचेतना जगानेवाली साध्वी ऋतंभरा ने देश के लोकप्रिय शो आप की अदालत में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इतने बड़े बहुसंख्यक समाज के धैर्य की प्रशंसा करनी चाहिए, लेकिन उसके सौहार्द और करुणा को उसकी कायरता समझना भूल है। इंडिया टीवी पर आप की अदालत में साध्वी ऋतंभरा के इस नए एपिसोड को प्रसारण शनिवार रात बजे हुआ।
राम मंदिर आंदोलन के अनुभव को शेयर किया
साध्वी ऋतंभरा ने राम मंदिर निर्माण और आंदोलन को लेकर अपने सारे अनुभव इस एपिसोड में बयां किए। उन्होंने काशी और मुथरा से जुड़े सवालों का जवाब दिया। उन्होंने AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। रजत शर्मा ने जब साध्वी ऋतंभरा से यह पूछा-ओवैसी साहब की बातें मैं सुनता हूं। उनकी तकलीफ क्या है, वह मैं आपको बताता हूं। वह मुस्लिम नौजवानों से कह रहे थे कि सबको अलर्ट रहना है। हमें अपनी मस्जिदों को सुरक्षित रहना है क्योंकि अब राम मंदिर बन गया। अब यह ज्ञानवापी मांगेंगे।
चबूतरा बनाकर राम जी की अर्चना करता रहा भारतीय समाज
इस पर साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि वहां तो पत्थर खुद अपनी गवाही दे रहे हैं। साध्वी ने आगे कहा, 'आप कभी तो ऐसे सोचो, इतने बड़े बहुसंख्यक समाज के धैर्य की कभी तो तारीफ करो। आप देखिए कि उस ढांचे (बाबरी) को भारतीयों ने छेड़ा नहीं .. भारतीय समाज राम चबूतरा बनाकर अपने राम जी की अर्चना वंदना करता रहा ...लाखों की संख्या लोग उसी जगह जाकर परिक्रमा करता रहे। हमने कभी अनाधिकार चेष्टा नहीं की है। सारा संसार जानता है हिंदू समाज के स्वभाव को, लेकिन उसके सौहार्द को, उसकी करुणा को, कायरता समझ लेना.. यह भूल है। यह अच्छा नहीं है।'
काशी-मथुरा में आंदोलन की जरूरत नहीं
साध्वी ऋतंभरा से जब यह सवाल किया गया कि क्या मथुरा और काशी मंदिरों के लिए अयोध्या जैसा आंदोलन होगा? इस पर साध्वी ऋतंभरा ने जवाब दिया: 'नहीं, उसकी जरूरत ही नहीं है। आंदोलन हमें अयोध्या के लिए करना पड़ा। क्योंकि साक्ष्य भूमि के अंदर दबे थे । काशी विश्वनाथ के तो नंदी, उधर को मुंह करके कह रहे हैं। भले ही बढ़िया कॉरिडोर (वाराणसी) बना लो पर भोले बाबा वहीं बैठे हैं। इसलिए वो गवाही दे रहे हैं।
हम 30 हजार मंदिरों की बात नहीं करेंगे, हमें काशी मथुरा दे दो
साध्वी ऋतंभरा ने मुस्लिम समुदाय से काशी का ज्ञानवापी और मथुरा कृष्ण जन्मस्थान मंदिरों को सौहार्दपूर्वक देने की अपील करते हुए कहा कि बदले में हम 30 हजार अन्य मंदिरों की वापसी की मांग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में हमें एक लंबा संघर्ष चला। अदालत से निष्पक्ष निर्णय आने के बाद ही हमने वहां निर्माण की पहली की।